विदेशी इलेक्ट्रिक कारें होंगी सस्ती! इंपोर्ट ड्यूटी में भारी कमी, जानिए कैसे होगा फायदा!
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार नित नए प्रयोग कर रही है। वर्तमान में ज्यादातर अच्छी गुणवत्ता की इलेक्ट्रिक। कार विदेश से इंपोर्ट की जा रही है और यही देखते हुए देश में इलेक्ट्रिक पैसिंग कारों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने नई स्कीम। की विस्तृत गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत जो कंपनियाँ भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए कम से कम ₹4,150 करोड का निवेश करेंगी उन्हें हर साल आठ हजार इलेक्ट्रिक कारें इंपोर्ट करने की अनुमति होगी और इस पर उन्हें सिर्फ पन्द्रह प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी देनी होगी।
आपको बता दें कि अभी तक इम्पोर्ट ड्यूटी 70। से 100% तक लग रही थी जिसकी वजह से इलेक्ट्रिक कारें बहुत महँगी थी। अब यह ड्यूटी घटाकर 15% की जाएगी और इंपोर्ट ड्यूटी में यह छूट इन कंपनियों को अगले 5 साल तक मिलेगी। यह उन्हीं कारों पर लागू होगी जिनकी कीमत तीस लाख रुपए से अधिक है। इसके साथ ही यह शर्त भी रखी गई है इन? कंपनियों को 3 साल के अंदर ही अपना निवेश पूरा करना होगा। और भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करनी होगी। इसके लिए आवेदन आवेदन प्रक्रिया इसी माह से शुरू हो सकती है। इच्छुक कंपनियाँ 15 मार्च, 2026 तक आवेदन आवेदन। कर सकती हैं आवेदन के साथ 5 लाख रुपए नॉन रिफंडेबल प्रतिभूति राशि भी जमा करनी होगी
आपको बता दें कि अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट भारत में तेजी से बढ़ रहा है और बढ़ते प्रदूषण को रोकते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल एक बड़ा विकल्प माने जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक कारों कि। मार्केट में भी वृद्धि हुई है लेकिन ज्यादातर अच्छी गुणवत्ता की कारें बाहर से इंपोर्ट हो रही है। अभी भारत में इनका निर्माण नहीं हो रहा है और भारत में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ही भारत सरकार यह योजना लाने जा रही है। इस योजना में कंपनियों को वित्तीय मानदंड पूरे करने होंगे। निवेश में नए प्लांट मशीनरी इक्विपमेंट यूटिलिटी इंजीनियरिंग आरडी शामिल होंगे जमीन की लागत शामिल नहीं होगी। पर मुख्य प्लांट और यूटिलिटी के लिए बिल्डिंग निर्माण की अनुमति रहेगी जो कि कुल निवेश से दस प्रतिशत से अधिक न हो।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बताया कि टेस्ला कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण के लिए इच्छुक नहीं है। कंपनी यहां वाहन बेचने की तैयारी कर रही है लेकिन यहां निर्माण की टेस्ला की कोई योजना नहीं है टेस्ला ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में। शोरूम के लिए जगह तय कर ली है यूरो? प की मर्सिडीज बेंज और स्कोडा फॉक्सवेहन बीएम डब्ल्यू दक्षिण कोरियाई हुंडई ओकिया ने ईवी। मैन्युफैक्चरिंग भारत में करने के लिए रुचि दिखाई है। अब यदि यह कंपनी पन्द्रह प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी पर अपनी इलेक्ट्रिक कारें देती हैं तो निस्संदेह भारत में इलेक्ट्रिक कार का बाजार बढ़ेगा और यदि अगले तीन साल में यह कंपनी भारत में निर्माण यूनिट भी लगा देती हैं तो भारत के इलेक्ट्रिक कार के बाजार में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।