Fri. Jun 6th, 2025

पटवारी ने नक्शा बटांकन के लिए मांगी 25 हजार रिश्वत, लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा

रतलाम इंदौर मध्य प्रदेश  मध्य प्रदेश में रिश्वत खोर पटवारियों का। रंगे हाथों पकड़े जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले कुछ समय से लगातार रिश्वतखोर पटवारियों को लोकायुक्त। टीम द्वारा धरे जाने की खबर आ रही हैं। अब ऐसा ही एक और मामला रतलाम। से आया है। जहां पर लोकायुक्त की टीम ने एक पटवारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी पटवारी यशवर्धन शर्मा ने है नक्शा और पटांकन के नाम पर शिकायतकर्ता से पच्चीस हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।

सरकार की सख्ती और छापामार टीमों की लगातार कार्रवाईयों के बावजूद प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगभग हर रोज एक न एक रिश्वतखोर जिम्मेदार छापामार टीमों द्वारा ट्रेप किया जा रहा है। रिश्वतखोरी का ताजा मामला रतलाम जिले से सामने आया है। यहां लोकायुक्ट टीम ने तहसील कार्यालय में कार्रवाई करते हुए पटवारी को 8 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है।

रिश्वतखोरी का ये मामला रतलाम ग्रामीण तहसील कार्यालय से सामने आया है। जहां गांव रोजड़का के रहने वाले फरियादी जितेंद्र सिंह पिता कमल सिंह ने आरोपी पटवारी यशवर्धन शर्मा को नक्शा बटांकन के लिए आवेदन किया था। लेकिन, पटवारी काम करने के एवज में फरियादी से रिश्वत की डिमांड करने लगा। आपको बता दें कि इसी तरह जमीन पठानकन सीवांकन और अन्य कामों को लेकर पटवारी रिश्वत मांगते हैं और तमाम तम ऐसे मामले सामने सामने आने के बाद यह सवाल उठ रहा है। पटवारियों द्वारा इस तरह के कामों पर रोक लगाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को क्या पुख्ता कदम उठाने चाहिए।

फरियादी जितेंद्र सिंह का कहना है कि, नक्शा बटांकन के लिए पटवारी यशवर्धन शर्मा ने उससे 25 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। पैसे न होने की बात कहने पर पटवारी ने तीन किस्तों में रिश्वत देने की बात कही। इसके बाद ही काम करने का आश्वासन दिया था। जिस समय बात हुई, तब फरियादी के पास दो हजार रुपए रखे थे, जिसे पटवारी ने रिश्वत के तौर पर ले लिए।

फरियादी जितेंद्र सिंह ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस में की, जिसकी पुष्टि होने के बाद मंगलवार को लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को 8 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। फिलहाल, लोकायुक्त टीम पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। लेकिन जिस तरह से मध्यप्रदेश में पटवारियों के रिश्वतखोरी। के मामले सामने आ रहे हैं। वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के उस बात पर मुहर लगाते हैं।जब उन्होंने मंच से एक बार कहा था कि पटवारी तो कलेक्टर से भी ज्यादा पावरफुल हो गए हैं।

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