मोहन यादव केविनेट ने लिए कई निर्णय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पूर्व पचमढ़ी में संबोधित करते हुए घोषणा की कि पचमढ़ी अभयारण्य को अब ‘राजा भभूत सिंह पचमढ़ी अभयारण्य’ के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय राजा भभूत सिंह के पर्यावरण प्रेम, ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष और जनजातीय गौरव की स्मृति को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभयारण्य में राजा भभूत सिंह के योगदान, जीवन और वीरता से संबंधित जानकारियां प्रदर्शित की जाएंगी। डॉ. यादव ने राजा भभूत सिंह को 1857 की क्रांति के दौरान तात्या टोपे के सहयोगी और छापामार युद्ध नीति के उस्ताद के रूप में याद किया। उन्होंने बताया कि राजा भभूत सिंह को पकड़ने के लिए अंग्रेजों को मद्रास इन्फैंट्री बुलानी पड़ी थी और 1860 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें फांसी दी गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जीवन आदिवासी अस्मिता, देशभक्ति और आत्मसम्मान का प्रतीक है, जिसे राष्ट्रीय पटल पर लाना हम सभी का कर्तव्य है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर घोषणा की कि जून माह में प्रदेश में तीन अनुसूचित जनजाति सम्मेलन होंगे। 7 जून को डिंडौरी के बजाग में बैगा सम्मेलन, 9 जून को शहडोल के ब्यौहारी में कोल सम्मेलन और 18 जून को शिवपुरी के कोलारस में सहरिया सम्मेलन। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनकल्याणकारी शासन के 11 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 9 से 21 जून तक राज्यभर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष को भी प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाएगा।मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को 31 मई को आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन की सफलता के लिए बधाई दी। बैठक में महिला मंत्रियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर प्रदेश की महिलाओं की ओर से मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। डॉ. यादव ने बताया कि मई माह में प्रधानमंत्री मोदी ने दतिया और सतना में नए हवाई अड्डों, इंदौर मेट्रो और 1271 अटल ग्राम सुशासन भवनों की सौगात देकर प्रदेश को विकास की नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री ने खंडवा जिले को जल संचय में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी और जल संरक्षण के लिए मंत्रियों को जनभागीदारी से अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में “जल गंगा संवर्द्धन अभियान” 30 अप्रैल से 30 जून तक चलाया जा रहा है। बैठक की शुरुआत वंदे मातरम् और समापन जन-गण-मन के साथ हुआ। इस दौरान मंत्रियों को सतपुड़ा अंचल की संस्कृति और राजा भभूत सिंह पर केंद्रित फिल्म भी दिखाई गई।