यह अभियान वैचारिक आंदोलन है, सिर्फ सांगठनिक कवायद नहीं: राहुल गांधी, विवेक तन्खा की रणनीतिक सलाह पर राहुल ने चुना भोपाल, पटवारी को मिली मजबूती
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल मंगलवार को कांग्रेस की एक बड़ी राजनीतिक गतिविधि का केंद्र बनी, जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यहां ‘संगठन सृजन अभियान’ का औपचारिक शुभारंभ किया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुए इस आयोजन को कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी संगठनात्मक पुनर्गठन के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस अभियान की शुरुआत मध्यप्रदेश से करने का सुझाव राज्यसभा सांसद व विद्वान अधिवक्ता विवेक तन्खा ने राहुल गांधी को दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। यह संकेत भी साफ है कि राहुल गांधी प्रदेश में जीतू पटवारी को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने और मध्यप्रदेश में कांग्रेस को जमीनी स्तर पर खड़ा करने के लिए गंभीर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत की तर्ज पर राहुल गांधी के भोपाल आगमन पर एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस कार्यालय तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर रहा। जगह- जगह स्वागत द्वार लगाए गए और पार्टी के झंडों, बैनर-पोस्टरों से सजे रास्तों पर कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर राहुल गांधी का अभिवादन किया। उन्होंने भी हाथ हिलाकर कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया और प्रदेश की जनता के प्रति अपना भरोसा दोहराया। राहुल गांधी ने सबसे पहले रोशनपुरा चौराहे पर स्थित इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी नेताओं, विधायकों और पदाधिकारियों से मुलाकात कर संगठन की वर्तमान स्थिति और आगामी रणनीति पर चर्चा की। बैठक में यह तय किया गया कि संगठनात्मक स्तर पर सुधार, प्रशिक्षण और स्थानीय स्तर पर जन-संपर्क को प्राथमिकता दी जाएगी। राहुल गांधी ने कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को अब केवल भाषणों से नहीं, बल्कि जमीनी कार्यों से सशक्त करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि संगठन का पुनर्गठन केवल चेहरे बदलने की कवायद नहीं, बल्कि वैचारिक और संरचनात्मक बदलाव की प्रक्रिया है। इसके पश्चात उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक को भी संबोधित किया। उन्होंने विधायकों से जनता के बीच ज्यादा समय बिताने और संगठन से गहराई से जुडऩे का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि जनता की आवाज़ है, और उस आवाज़ को बुलंद करना सभी जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। ‘संगठन सृजन अभियान’ के अंतर्गत नियुक्त पर्यवेक्षकों और प्रभारियों से भी राहुल गांधी ने सीधा संवाद किया। उन्होंने उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए कि वे हर जिले और ब्लॉक स्तर पर नेतृत्व को प्रशिक्षित करें, संगठनात्मक ढांचे को पुनस्र्थापित करें और समाज के प्रत्येक वर्ग से संवाद स्थापित करें। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कांग्रेस सम्मेलन में राहुल गांधी ने पीसीसी सदस्यों, जिला-ब्लॉक अध्यक्षों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘संगठन सृजन अभियान केवल एक सांगठनिक प्रक्रिया नहीं है, यह एक वैचारिक आंदोलन है। इसका उद्देश्य नेतृत्व तैयार करना है, केवल पद बाँटना नहीं।’ राहुल गांधी ने सभी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक पहुंचने और कांग्रेस की विचारधारा को हर घर तक पहुँचाने की अपील की। बता दें कि कांग्रेस का यह राष्ट्रव्यापी अभियान, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को नीचे से ऊपर तक मज़बूत करने की कोशिश है। इसमें जिला, ब्लॉक और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, नए नेतृत्व को उभारने का अवसर मिलेगा और जनता से सीधा जुड़ाव बढ़ेगा। राहुल गांधी के इस दौरे ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस अब केवल प्रतीकात्मक राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहती। पार्टी सांगठनिक मजबूती, वैचारिक स्पष्टता और जन-संपर्क की रणनीति के जरिए खुद को फिर से खड़ा करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत से यह भी संकेत मिलता है कि कांग्रेस अब भावनात्मक मुद्दों से आगे बढ़कर स्थानीय और जन-आधारित राजनीति में अपना आधार मजबूत करना चाहती है।