परिवहन अधिकारी रीना किराडे लोकायुक्त में फंसी
लोकायुक्त संगठन ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए इंदौर लोकायुक्त इकाई द्वारा एक ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई, जिसमें जिला बड़वानी के परिवहन विभाग से जुड़ी बड़ी लापरवाही और रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। आवेदक चेतन शर्मा ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। चेतन बड़वानी जिले के अंजड़ का रहने वाला है।शिकायत के अनुसार चेतन शर्मा ने जिला परिवहन कार्यालय बड़वानी में लाइसेंस रिन्यू और नवीन लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। जब उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे से संपर्क किया तो उन्होंने उन्हें विवेक मलतारे नामक एक प्राइवेट एजेंट से मिलने को कहा। डीटीओ के कहने पर चेतन शर्मा एजेंट से मिले, तो विवेक मलतारे ने लाइसेंस कार्य के एवज में 10,000 रिश्वत की मांग की। इस पर आवेदक ने इसकी लिखित शिकायत राजेश सहाय, पुलिस अधीक्षक, विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय, इंदौर को दी।शिकायत के सत्यापन के बाद दिनांक 04.06.2025 को लोकायुक्त ट्रैप दल का गठन किया गया। ट्रैप योजना के तहत विवेक मलतारे को आवेदक चेतन से 10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। फरियादी को विवेक से मिलने के लिए जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे ने ही कहा था। जिससे यह भी संदेह उठा कि अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। इसलिए उन्हें भी आरोपी बनाया गया। अब आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 61(2) बीएनएस के अंतर्गत विधिसंगत कार्यवाही की जा रही है।इस कार्रवाई में ट्रैप दल का नेतृत्व कार्यवाहक निरीक्षक प्रतिभा तोमर ने किया। उनके साथ आरक्षक विजय कुमार, कमलेश परिहार, चेतन सिंह परिहार, सतीश यादव, आदित्य सिंह भदोरिया, कृष्ण अहिरवार और चालक शेरसिंह ठाकुर की टीम मौजूद रही। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया और भ्रष्टाचारियों को पकड़कर यह संदेश दिया कि प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लोकायुक्त पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है।