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आरक्षक भर्ती में बड़ा घोटाला, अब SIT जांच; देखिए शिवपुरी का फर्जीवाड़ा

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित आरक्षक भर्ती घोटाले में अब बड़े खुलासे की उम्मीद पैदा करते हुए पुलिस अधीक्षक शिवपुरी ने SIT का गठन किया है. यह कमेटी एक महीने के अंदर पूरी जांच रिपोर्ट सौंप कर बड़ा खुलासा कर सकती है. वहीं मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सतन बाड़ा थाना क्षेत्र में अब तक छह ऐसे नव नियुक्त आरक्षकों के खिलाफ साल्वरों की मदद से परीक्षा देने का मामला दर्ज किया जा चुका है. इस मामले में पुलिस को यह लगता है कि पूरे मामले में सॉल्वर अभ्यर्थी और इसका एक गैंग है, जो पकड़ में आना जरूरी है. यही वजह है कि इस कमेटी को जांच के आदेश जारी कर दी गए हैं. प्राथमिक जानकारी में पुलिस के पास में सॉल्वरों के नाम और कुछ आरोपी गिरफ्त में भी आ चुके हैं, जिनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है.

आरक्षकों का भरती से संबंधित यह मामला वर्ष 2023 में एसएएफ की 18वीं बटालियन शिवपुरी में आरक्षक और रेडियो पद के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. घाटीगांव के भंवरपुरा के जखौदा गांव के निर्भय पुत्र सुघर सिंह गुर्जर और डबरा के रजियादार निवासी भूपेंद्र सिंह पुत्र रामलखन सिंह गुर्जर भी शामिल हुए दोनों ने लिखित और शारीरिक परीक्षा दी. इस दौरान लगाए गए आधार कार्ड के फिंगरप्रिंट और शारीरिक परीक्षा में लगाए गए फिंगरप्रिंट में अंतर पाया गया. ये गड़बड़ी पुलिस मुख्यालय ने तब पकड़ी जब दोनों फोटो का मिलान किया तो ये मिसमैच पाए गए. अभी इसी तरह के मामले में कुल सतनवाड़ा थाने में ही 6 आरोपियों को नाम जुड़ गए हैं.

इस मामले में जिन पर फर्जी तौर से परीक्षा देने का मामला पंजीबद्ध किया गया है उसमें अभ्यर्थी युवक रामनरेश भूपेंद्र धर्मेंद्र मोनू रावत अंकेश रावत और निर्भय सिंह शामिल बताए जा रहे हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि जो आधार कार्ड और हस्ताक्षर इनके हैं वह मूल रूप से प्रमाणित नहीं हुए. यही वजह है कि अब इनसे पूछताछ की जा रही है.

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