मुरैना और श्योपुर से सामने आया बड़ा अपडेट, जांच के बाद गिरफ्तारी का सिलसिला जारी
मध्य प्रदेश में व्यापम कांड (MP Vyapam Scandal) के बाद एक बार फिर पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद इसमें पुलिस लगातार जांच कर रही है और दोषियों पर एक्शन लिया जा रहा है. इसी बीच, श्योपुर पुलिस (Sheopur Police) को बड़ी सफलता मिली. पुलिस ने परीक्षा के एक ऐसे सॉल्वर को बिहार (Bihar) से गिरफ्तार किया, जो परीक्षा में पेपर लिखने के लिए हवाइजहाज से आता-जाता था. इसके अलावा, मुरैना (Morena) से 106 पद इस परीक्षा से भरे गए. जांच में खुलासा हुआ है कि इसमें से 12 अभ्यर्थी फर्जी थे.
श्योपुर पुलिस को मिली बड़ी सफलता
श्योपुर पुलिस के पास आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के नेटवर्क को चलाने वाली गैंग के मुख्य आरोपी अमिताभ रावत और श्याम मीणा का नाम था. इन दोनों ने ही पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के कैंडिडेटों से 10 से 12 लाख रुपये की मोटी रकम लेकर उनकी जगह बिहार, UP, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से सॉल्वरों को बुलाकर पेपर दिलवाया था.
श्योपुर की कोतवाली पुलिस ने 10 हजार के फरार बिहार के एक सॉल्वर रंजन कुमार को गिरफ्तार करते हुए ये जानकारी जुटाई कि गेंग का मास्टरमाइंड अमिताभ रावत और श्याम मीणा बिहार से सॉल्वरों को हवाइजहाज से पहले भोपाल बुलाता था. वहां से कार से उन्हें अलग-अलग जिलों में पुलिस आरक्षक परीक्षा के सेंटर पर पेपर दिलवाने के लिए भेजता था.
मुरैना में 106 में से 12 अभ्यर्थी फर्जी
मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 में मुरैना जिले की पांचवीं विशेष सशस्त्र वाहिनी को 106 पद दिये गये थे. भर्ती के बाद नियुक्ति के लिए पहुंचे 77 अभ्यर्थियों के अभिलेखों की जांच गहराई से की गई. इसमें पाया गया कि पांच अभ्यर्थी 15 दिन के दौरान आधार अपडेट में संदिग्ध पाए गए. गहराई से जांच में तथ्य सामने आ गया कि इनके द्वारा लिखित व फिजीकल परीक्षा में अपडेट आधार से सॉल्वर द्वारा परीक्षा पास की गई. इन पांच अभ्यर्थियों के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस को फर्जीबाड़े की शिकायत की गई.
पुलिस ने 21 मई को दर्ज की गई पहली एफआईआर के तहत जिला श्योपुर निवासी हरिओम रावत को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, 4 जून को दूसरी एफआईआर 4 अभ्यर्थी विनोद सिंह ग्वालियर, बदन सिंह श्योपुर, अंशुल भिण्ड, अंकित सिंह इटावा उत्तरप्रदेश के खिलाफ दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार किया गया. इस भर्ती प्रक्रिया में चयनित 106 अभ्यर्थियों में से 3 माह के दौरान मात्र 77 अभ्यर्थियों ने अपनी आमद दी थी. इनमें से मेडिकल चेकअप के दौरान 8 अभ्यर्थी अनफिट पाये गये. वहीं, पांच अभ्यर्थियों के फर्जीबाड़े में पकड़े जाने पर शेष 64 अभ्यर्थियों की अंकसूची की गहन जांच कराई जा रही है