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ऐसा लगा जमीन हिल गई, हम डरे हुए हैं… ईरान-इजरायल तनाव के बीच भारतीय छात्रों ने लगाई मदद की गुहार

तेहरान ईरान में इजरायल के हमलों के बाद हालात इतने खराब हो गए हैं कि वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों (Indian Students In Tehran) को डर लग रहा है. ऐसे हालात में वह वहां से अपने देश वापस लौटना चाहते हैं. लेकिन फिलहाल उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है. उन्होंने अब भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. तेहरान के पास के इलाकों समेत प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर किए गये इजरायली हवाई हमलों के बाद वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने अपनी सरकार से निकासी की अपील की है. तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज (टीयूएमएस) में कश्मीर की एमबीबीएस की द्वितीय वर्ष की छात्रा तबिया जहरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘अभी स्थिति शांत है और हम सुरक्षित हैं, लेकिन हमें डर लग रहा है. हमला सुबह करीब 3:30 बजे शुरू हुआ और हमने महसूस किया कि ज़मीन हिल रही है. यह एक चिंताजनक अनुभव था.’

ईरान में फंसे छात्रों को शांत रहने की सलाह

जहरा ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों से मुलाकात की और उन्हें शांत रहने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन से क्षेत्र सुरक्षित हो सकते हैं. उन्होंने सुरक्षा स्थिति के बारे में अनिश्चितता और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट व्यवधान के कारण सीमित संचार पहुंच का हवाला देते हुए भारत सरकार से निकासी की व्यवस्था करने का आग्रह किया.

इमरजेंसी हालात के लिए मांगी छात्रों की जानकारी

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की एक अन्य छात्रा अलीशा रिजवी ने कहा, ‘दूतावास ने हमें आपातकालीन स्थिति के लिए अपने स्थानीय पते और संपर्क विवरण ईमेल करने के लिए कहा है. वे निकासी की आवश्यकता होने पर आंकड़े एकत्र करने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें कि दोनों वहां पर एमबीबीएस के सेकंड इयर की छात्राएं हैं. दोनों 2023 में तेहरान गए थे.उन्होंने पुष्टि की कि हमलों के बाद तेहरान के ऊपर हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है और इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं.

ईरान-इजरायल में तनाव

ईरान में गुरुवार देर रात तनाव उस वक्त बढ़ गया जब इजरायल ने ईरान में कई स्थानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किये, जिसमें नतांज में तेहरान की मुख्य परमाणु संवर्धन सुविधा, रडार स्टेशन और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट शामिल थीं. कुछ प्रभावित क्षेत्रों से काला धुआं उठता देखा गया और तेहरान और पश्चिमी ईरान के अन्य हिस्सों में विस्फोटों की सूचना मिली.

ईरान के परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बाद में पुष्टि की कि हमले ईरानी परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे को लक्षित करके किए गए थे. ईरान ने भी जवाबी हमला किया. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई सहित तेहरान के शीर्ष नेतृत्व ने इजराइल को ‘कड़ी सज़ा’ की चेतावनी दी.

एस जयशंकर को लिखी चिट्ठी

जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर ईरान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के छात्रों की सहायता के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.पत्र में, संघ ने उभरती सुरक्षा स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कई भारतीय छात्र रणनीतिक स्थलों के पास स्थित विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं.

जम्मू और कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने कहा कि कई छात्रों ने हवाई हमले के सायरन सुनने और झटके महसूस करने की सूचना दी है. हमें छात्रों और उनके परिवारों से सहायता का अनुरोध करते हुए कॉल आ रहे हैं. हम सरकार से आग्रह करते हैं कि यदि निकासी अपरिहार्य हो जाती है तो वह तैयार रहे और आवश्यक कदम उठाए.

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