Wed. Jun 18th, 2025

दतिया को मिल गया कलेक्टर, आज कल में हो सकते हैं 22 आईएएस के तबादले, आईपीएस और आईएफएस बदले जाएंगे एक हफ्ते के भीतर

मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों एवं क्लास वन एवं क्लास टू अधिकारियों को लेकर छूट की सीमा कल समाप्त हो गई और इसी के बाद से लेकर मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के बीच मेें यह तह हो गया है कि, 6 महीनों से रुके हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादलों को भी 2-4 दिनों के अंदर निपटा दिए जाए। 18 दिनों से दतिया जिले में बिना कलेक्टर का कलेक्टर कार्यालय अब नए कलेक्टर 2016 बैच के स्वप्निल वानखेड़े का स्वागत करेगा। जहां तक सवाल है अतिरिक्त मुख्य सचिवों से लेकर प्रमुख सचिवों एवं सचिवों के 22 बड़े तबादलों का जिसे मुख्य सचिव अनुराग जैन ने होल्ड पर रखा था अब यह होल्ड बड़वानी में आयोजित सिकल सेल से मुक्ति अभियान के कार्यक्रम के बाद हट जाएगा। बता दें कि आज बड़वानी में सिकल सेल मुक्ति अभियान को लेकर राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू बड़वानी आने वाली थीं लेकिन उनका कार्यक्रम निरस्त होने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उपरोक्त कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों की यदि मानें तो मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्य सचिव से तथा पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना से दो टूक कह दिया है कि, उन्हें जिन वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी बदलनी हो उसकी सूची 3 दिनों के अंदर उनके समक्ष निर्णय के लिए प्रस्तुत कर दी जाए। डॉ. यादव ने यह कहा है कि, जिलों में जिन कलेक्टरों को बदलना हो उनको सबसे पहले क्रम में रखा जाए और मंत्रालय में सचिव से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव तक काम के बंटवारे में मंत्रियों के साथ संतुलन बनाए जाने की प्रक्रिया को प्राथमिकता से तैयार किया जाए। जहां तक सवाल है वरिष्ठ आईपीएस एवं आईएफएस अधिकारियों के तबादलों का तो डीजीपी तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल से भी कह दिया गया है कि, वे मुख्यमंत्री सचिवालय के संपर्क में रहें और बेहतर छवि वाले नौकरशाहों को आगे लाएं। इसी क्रम में यदि जिन नौकरशाहों के पास अतिरिक्त प्रभार है उनसे यदि विभाग संभले नहीं जा रहे हों तो उनसे अतिरिक्त प्रभार वापस लिए जा सकते हैं। परन्तु यदि मुख्यमंत्री सचिवालय में नीरज मंडलोई की पदस्थापना हुई तो उनका अतिरिक्त प्रभार संभवत: इसलिए नहीं बदला जाएगा क्योंकि ऊर्जा और लोकनिर्माण विभाग दोनों मुख्यमंत्री के लिए प्राथमिकता का ऐसा विभाग है जिससे 2028 के सिंहस्थ की सफलता जुड़ी हुई है ऐसा माना जाए तो चौंकिएगा मत।

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