धनतेरस और दिवाली पर अगर नजर इन चीजों पर पड़ जाए, तो खुल सकते हैं किस्मत के दरवाजे
दिवाली और धनतेरस का त्योहार ना केवल रोशनी और मिठाईयों का प्रतीक है, बल्कि इसे भाग्य और शुभ संकेतों का समय भी माना जाता है। भारतीय संस्कृति में हर एक चीज़ को शाकुन और अपशाकुन से जोड़ा जाता है। क्या आप जानते हैं कि कुछ चीज़ें यदि दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) पर नज़र आ जाए तो आपकी क़िस्मत पलट सकती है।
विशेषज्ञों और शास्त्रों के अनुसार ये संकेत न केवल आर्थिक स्थिति को प्रभावित करते हैं, बल्कि आपको व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में भी बदलाव ला सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल में बताएंगे कि कौन-कौन सी चीज़ों का दिखना आपके लिए शुभ है और कौन-कौन सी चीज़ों का दिखना आपके लिए अशुभ है।
भारतीय शास्त्रों में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। धनतेरस और दिवाली को साल का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। धनतेरस और दिवाली केवल रोशनी, मिठाई और उपहारों का त्योहार नहीं है बल्कि यह भाग्य, समृद्धि और सुख शांति का प्रतीक भी माना चाहता है। शाकुन और अपशाकुन का ज्ञान इस त्योहार को और भी ज़्यादा विशेष बनाता है। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस पर सोना, चाँदी और नए बर्तन ख़रीदना शुभ माना जाता है। जबकि कुछ वस्तुएँ जैसे टूटे बर्तन या पुरानी चीज़ें अगर नज़र आ जाए, तो इसे अपशकुन माना जाता है।
कौन-कौन सी चीज़ें हैं जो नज़र आ जाए तो अपशाकुन मानी जाती है
टूटा हुआ बर्तन या ग्लास
टूटे हुए बर्तन या ग्लास का नज़र आना अपशाकुन माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह घर में सुख-शांति और समृद्धि में कमी का संकेत देता है। विशेष रूप से धनतेरस या दिवाली जैसे अवसरों पर टूटे बर्तन का दिखना आर्थिक परेशानियों और घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
सूखा फूल या मुरझाए हुए पत्ते
दिवाली पर अगर घर में सूखे हुए फूल या फिर मुरझाए हुए पत्ते नज़र आते हैं तो इसे भी अशुभ माना जाता है। यह संकेत देता है कि घर में ख़ुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा कम हो सकती है। इसलिए त्योहार से पहले फूलों और पौधों की देखभाल करना ज़रूरी है, ताकि घर में सौभाग्य बना रहे।
कूड़े या जूते घर के मुख्य दरवाज़े पर
मुख्य दरवाज़े पर कचरा या जूता रखना अपशाकुन के रूप में देखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह आर्थिक और पारिवारिक परेशानियों की चेतावनी देता है। दिवाली जैसे शुभ अवसरों पर घर के मुख्य प्रवेश द्वार को साफ़-सुथरा रखना आवश्यक माना जाता है।
दरवाज़े या दीवारों की दरारें
घर में दरवाज़े या दीवारों पर दरारें और टूटे हिस्से नज़र आए, तो इसे अपशाकुन माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इससे घर में तनाव, अशांति और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। दिवाली से पहले दीवारों और दरवाज़ों की मरम्मत करना शुभ परिणाम ला सकता है।
कौन-कौन सी चीज़ों का दिखना शाकुन माना जाता है
साफ़ और चमकते हुए बर्तन
साफ़ और चमकते बर्तन घर में समृद्धि लाते हैं। शास्त्रों के अनुसार सोने या चाँदी के बर्तन साफ़ सुथरे होने पर धन और ख़ुशहाली का आगमन होता है। दिवाली पर बर्तन की सफ़ाई करना न केवल शास्त्र के अनुसार शुभ माना जाता है बल्कि ऊर्जा को भी सकारात्मक बनाता है।
दीयों की रोशनी और रंगोली
दिवाली पर घर को रोशन करना और सुंदर रंगोली बनाना शुभ संकेत माना जाता है। रोशनी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती हैं और रंग-बिरंगे रंगों की रंगोली घर में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। यह परंपरा घर के वातावरण को आनंदमय और धनवान बनाने में भी मदद करती है।
नई चीज़ों का उपयोग
नए बर्तन, कपड़े या गहने ख़रीदना बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, नए कपड़े और नए बर्तन अपशाकुन को दूर करने में मदद करते हैं। घर में सुख-समृद्धि लाते हैं। दिवाली पर नई चीज़ें लाना आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को और बढ़ाता है।
सकारात्मक ऊर्जा
घर में हँसी, मुस्कान और सकारात्मक माहौल बनाए रखना भी शुभ संकेत होता है। जब घर में लोग ख़ुश रहते हैं और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा होती है तो शास्त्रों के अनुसार यह धन, स्वास्थ्य और ख़ुशहाली को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है। यह दिवाली को और भी ज़्यादा आनंदमय बनाता है।
