तल्लीताल में बनेगा बहुप्रतीक्षित आटोमेटेड रोटरी कार पार्किंग सिस्टम
नैनीताल। आखिरकार प्रशासनिक कवायद रंग लाई और अब तल्लीताल में शीघ्र ही आटोमेटेड रोटरी कार पार्किंग सिस्टम का निर्माण हो सकेगा। जिससे पार्किग की समस्या के निस्तारण में मदद मिलेगी। भारत सरकार के एनएचईडीसीएल की ओर से इसकी 39.58 करोड़ की डीपीआर के क्रम में 34.61 करोड़ रुपये को सैंद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। तल्लीताल व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का कहना है उनकी 25 वर्ष पूर्व की मांग पूरी होने जा रही है। पर्यटक नगरी में वाहनों का दबाव साल दर साल बढ़ता जा रहा है। पीक सीजन में पार्किंग की कमी के चलते स्थिति प्रतिकूल हो जाती है। प्रशासन की ओर नगर में छोटी पार्किग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसी क्रम में यहां तल्लीताल लकड़ीटाल में निर्मित पार्किंग के ठीक बगल में नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे स्थल पर आटोमेटेड रोटरी कार पार्किंग सिस्टम के लिए प्रयास शुरू हुए। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवस्थापना विकास निगम लिमिटेड (एनएचईडीसीएल) की ओर से विभिन्न स्तर पर सर्वे आदि के बाद इसकी डीपीआर तैयार की गई, जो अब धरातल पर सार्थक होनी है। इससे पूर्व पालिका की ओर से एक दर्जन से अधिक लोगों को भी विस्थापित किया जाना है। जिन्हें नोटिस दिए जा चुके हैं। तल्लीताल व्यापार मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रहे भुवन लाल साह का कहना है कि व्यापार मंडल 25 वर्षों से यहां पार्किंग की मांग कर रहा है। राज्य निर्माण के बाद यहां टैक्सी स्टैंड बना। वर्तमान अध्यक्ष मारूति साह व महासचिव अमनदीप का कहना है कि इससे तल्लीताल बाजार के कारोबार मे भी इजाफा होगा।
454 वर्ग मीटर के भूखंड पर जहां मुश्किल से लगभग 20 से 25 वाहन पार्क किए जा सकते हैं वहां रोटरी पार्किंग में 202 कार व 96 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 16 माड्यूल में से 15 माड्यूल में कार पार्किंग होगी, जबकि एक में दोपहिया पार्किंग। कार पार्किंग के माड्यूल को भी बड़े व छोटे वाहनों के अनुरूप आंशिक बढ़ोतरी के साथ बनाया जाएगा।
एनएचईडीसीएल की ओर से आटोमेटेड रोटरी कार पार्किंग सिस्टम के विभिन्न 16 माड्यूल के आधार पर डीपीआर तैयार की गई थी। धनराशि की स्वीकृति के बाद इसकी निविदा भी करा ली गई है। विभाग व राज्य सरकार के बीच दस्तावेजों की औपचारिकता शेष हैं। जिसके बाद निर्माण की शुरुआत कर दी जाएगी।-प्रियांशी आरओ एनएचआईडीसीएल
-उक्त पार्किंग के निर्माण के बाद इससे मिलने वाली आय से जिला विकास प्राधिकरण व पालिका को आर्थिक लाभ होेंगे। जिससे नगर के विकास के कार्यों को भी गति मिलेगी-राहुल आनंद ईओ प्रशिक्षु आईएएस