Tue. Apr 29th, 2025

बारिश के बाद बढ़ी सब्जी पौधों की बिक्री

लोहाघाट (चंपावत)। क्षेत्र में झमाझम बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। बारिश के बाद खेतों में थोड़ी नमी होने से काश्तकार खेती में जुट गए हैं। बाजार में सब्जी के पौधों की बिक्री भी बढ़ गई है। लंबे समय से क्षेत्र में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए थे। किसानों की आलू, गेहूं, जई, राजमा आदि की फसलें चौपट हो गई हैं। अगेती आलू की फसल तो पूरी तरह से चौपट हो गई है। अब बुधवार को हुई झमाझम बारिश से खेतों में नमी बढ़ गई है। कोटला से आए किसान राम गिरी, चंद्र सिंह, बनीगांव के सुभाष जोशी का कहना है कि बारिश होने के बाद पौधों की बिक्री में कुछ इजाफा हुआ है। एडीओ उद्यान आशीष रंजन खर्कवाल का कहना है कि खेतों के लिए बारिश सामान्य हुई है जिसका फसलों को लाभ मिलेगा। एडीओ खेतों की नमी बरकरार रखने के लिए किसानों को मल्चिंग विधि का प्रयोग करने की सलाह दी है। इसके लिए पॉलीथिन शीट, पुआल, घास, पेड़ों के पत्तों का खेतों में प्रयोग कर सकते हैं। आलू की अच्छी पैदावार के लिए अभी और बारिश की जरूरत

चंपावत। जिले में लंबे समय के बाद हुई बारिश से काश्तकार थोड़ा खुश हैं लेकिन अभी भी आलू की अच्छी पैदावार के लिए एक अच्छी बारिश की जरूरत है। चंपावत में आठ और लोहाघाट में हुई छह मिमी बारिश से नए पौधों की बुआई के लिए पर्याप्त पानी मिल गया है।

मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडेय ने बताया कि आलू और अदरक की खेती के लिए थोड़ी राहत मिली है लेकिन अभी भी करीब 24 मिमी बारिश की जरूरत है। तब जाकर खेती अच्छी होगी अन्यथा पैदावार अच्छी होने की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि इस बार आलू का 700 क्विंटल बीज वितरित किया गया है। जिले में 30 हजार से अधिक काश्तकार हैं जो मौसमी बारिश पर निर्भर रहते हैं।
इधर मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भंडारी ने बताया कि बारिश मडुवा, धान और उड़द की फसल के लिए बारिश अच्छी है। इन फसलों की खेती जिले में करीब नौ हजार हेक्टेयर में की जाती है। इसके बीच भी आ गए हैं

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