राजमाता के अस्थि कलश नेपाल, प्रयागराज, उज्जैन भेजे जाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया अस्थि संचय, 9 दिन माधव बाग में रखे जाएंगे कलश
ग्वालियर में सिंधिया छत्री पर शुक्रवार सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार के सदस्यों और करीबियों के साथ पहुंचे और राजमाता की अस्थियों का संचय किया गया है। यहां अस्थि और राख काे संचय कर कलश में रखा गया है। अब यह कलश नेपाल, उज्जैन व प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) ले जाए जाएंगे और विसर्जन किया जाएगा।
उससे पहले यह कलश अगले 9 दिन तक छत्री स्थित माधव बाग में रखे जाएंगे। यहां बता दें कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन 15 मई सुबह 9.28 बजे एम्स में हो गया था, जिनका अंतिम संस्कार गुरुवार को राजशाही सम्मान के साथ ग्वालियर में किया गया था।
गुरुवार को राजशाही सम्मान के साथ राजमाता का अंतिम संस्कार ग्वालियर के सिंधिया छत्री मैदान में किया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य कई मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक व पूर्व विधायक राजमाता की अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे। शुक्रवार सुबह 10 बजे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके सुपुत्र महान आर्यमन सिंधिया सहित घर के अन्य सदस्य और परिवार के करीबियों के साथ अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंचे हैं। जहां राजमाता का अंतिम संस्कार किया गया था वहां सभी ने राख के बीच से अस्थियों का संचय किया है। इनको कलश में रखा गया है। यहां राज पुरोहित ने अस्थि कलश संस्कार विधि विधान से कराया। इस दौरान वहां काफी संख्या में लोग पहुंचे थे, लेकिन उनको बाहर ही रोक दिया गया था। अस्थिसंचय के समय प्रदेश सरकार में मंत्री तुलसीराम सिलावट, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित सिंधिया परिवार के सदस्यगण उपस्थित थे। इसके अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्र के लोग भी इस अवसर पर छत्री में उपस्थित थे।
नौ दिन माधव बाग में रखे जाएंगे कलश
राज परिवार के करीबी बाल खांडे ने बताया कि अब यह कलश छत्री में ही माधव बाग में नौ दिन के लिए रखे जाएंगे। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। 9 दिन बाद इनको यहां प्रयाग राज, नेपाल व उज्जैन ले जाया जाएगा। प्रयागराज में अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा। अस्थि संचय के बाद घर में शुद्धिकरण किया जाएगा और कुछ क्रियाएं होंगी।
वीआईपी के आने जाने का सिलसिला लगा रहेगा
अस्थि संचय के बाद घर में शुद्धि करण के साथ ही सिंधिया महल में वीआईपी के आने जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। परिवार प्रतिदिन शाम 7 बजे तक आने वालों के लिए बैठेंगे। लोकसभा चुनाव के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेता अंत्येष्टि में नहीं आ पाए थे। अब स्थानीय प्रशासन से कई कैबिनेट मिनिस्टर के ऑफिस से कार्यक्रम की डिटेल मांगी गई है।
एम्स में ली थी आखिरी सांस, काफी समय से थी बीमार
ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन बुधवार (15 मई) को एम्स में हुआ था। सुबह 9.28 बजे राजमाता ने आखिरी सांस ली थी। केन्द्रीय मंत्री व राजमाता के सुपुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनको गुरुवार को सिंधिया छत्री में आखिरी प्रणाम कर मुखाग्नि दी थी। यहां राजमाता की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल के शहर भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, अशोक नगर व गुना से काफी संख्या में लोग आए थे। कई वीवीआईपी कार्यक्रम में शामिल हुए थे जिनमें मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव शामिल रहे। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, राजस्थान के सीएम का आना तय था, लेकिन आखिरी समय में यह कार्यक्रम टल गया था।
व्यवस्थाओं नाखुश होकर सिलावट हुए नाराज
अस्थिसंचय के लिए पहुंचे मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जब वहां कुछ व्यवस्थाएं कम देखीं तो वहीं सिंधिया छत्री से फोन लगाकर अधिकारियों को फटकार लगाई। सिलावट ने अधिकारियों से कहा कि अंतिम संस्कार के समय की गई व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उनका कहना था कि अंतिम संस्कार के समय महिलाओं के लिए अलग से बैठने या लाइन की कोई व्यवस्था नहीं थी। लोग गर्मी और पानी न मिलने के कारण परेशान होते हुए नजर आए थे।