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मौसम की तल्खी : गन्ने में सूट बोरर रोग की दस्तक

तामपान के बढ़ने-घटने से गन्ने की फसल में सूट बोरर यानी अंकुर भेदक रोग ने दस्तक दे दी है। इससे किसानों को उत्पादन प्रभावित होने का भय सताने लगा है। जिले के डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर और रायपुर विकासखंडों में गन्ने की खेती बड़े क्षेत्रफल में होती है। इस बार मौसम में तल्खी से फसल में सूट बोरर रोग दिखाई देने लगा है। हालांकि, अभी रोग सीमित दायरे में है। ग्राम पंचायत आरकेडिया ग्रांट के गांव हरभजवाला के खेतों में रोग के कीट देखे गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार फिलहाल गन्ने का सर्वे चल रहा है। रोग की रोकथाम के उपाय बताए जा रहे हैं। सूट बोरर कीट के कारण गन्ने के पौधे के शीर्ष को खींचने पर वह निकल जाता है और इससे बदबू आती है। बता दें कि इस बार जिले में करीब 3700 हेक्टेयर रकबे पर गन्ने की फसल है।
सहायक गन्ना आयुक्त आशीष नेगी का कहना है कि सूट बोरर रोग से फसलों को बचाने के लिए किसान क्लोरोपायरीफास 20 ईसी प्रतिशत घोल को 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर में 800 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत जीआर की 20 से 25 ग्राम मात्रा को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बिखेरें या फिप्रोनिल 5 प्रतिशत एससी की 1.5 से 2.0 लीटर मात्रा को 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर खेत में प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।

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