पुनर्जीवित होंगे नैनीताल के जलस्रोत
नैनीताल। नगर पालिका की ओर से विलुप्त हो रहे प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने की कवायद चल रही है। पालिका ने प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यदायी संस्था पेयजल निगम को डीपीआर बनाने के लिए दो लाख रुपये की धनराशि जारी की है। विभाग ने 75 लाख रुपये की डीपीआर तैयार कर पालिका को सौंप दी है। आदर्श आचार संहिता के बाद कार्य शुरू होने की उम्मीद है। नगर में बांज प्रजाति के चौड़ी पत्ती के पेड़ों की वजह से यहां कई प्राकृतिक स्रोत हैं। जलस्रोतों की उपेक्षा से बीते वर्षों में अधिकतर विलुप्त हो गए हैं और कई विलुप्ति की कगार पर हैं। केंद्र की ओर से जल संरक्षण मद में पालिकाओं को धनराशि जारी की है। इस मद में पालिका के पास 1.5 करोड़ रुपये हैं। इसमें से 75 लाख रुपये से पालिका की ओर से शेरवुड के समीप झील को विकसित किया जाना है। शेष धनराशि से प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित किया जाना है। प्रथम चरण में सिपाही धारा तल्लीताल, चूना धारा मल्लीताल, पर्दाधारा, गोमुख धारा कृष्णापुर, तुड़तुड़ियाधारा, स्प्रिंग फील्ड, विश्राम घाट पाइंस, गुफा महादेव मंदिर, नारायण नगर, स्टोनले, राजपुरा समेत 11 स्रोतों का सौंदर्यीकरण किया जाना है। नगर पालिका की ओर से डीपीआर के लिए अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष डीपीआर तैयार कर पालिका को सौंपी गई है। आचार संहिता के बाद धनराशि अवमुक्त हुई तो कार्य शुरू किया जाएगा। -विपिन चौहान अधिशासी अभियंता जल संस्थान।