विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग तैयार, 62 मतदाता डालेंगे वोट
काजा। हिमाचल प्रदेश के लाहुल स्पीति जिले में स्थित विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग चुनाव में मतदाताओं के स्वागत के लिए तैयार है। यह चीन सीमा से सिर्फ 10 किलोमीटर पहले है। मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत स्पीति घाटी में 15256 फुट की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग मतदान केंद्र में इस बार विधानसभा उपचुनाव व मंडी लोकसभा सीट के लिए एक साथ मतदान होगा। टशीगंग मतदान केंद्र पहली बार साल 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थापित किया गया था। उस समय इस मतदान केंद्र में 47 मतदाता थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 52 हो गई और आज 62 मतदाता लोकसभा चुनाव सहित विधानसभा उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 37 पुरुष व 25 महिलाएं शामिल हैं।
टशीगंग से पहले स्पीति घाटी का ही 14567 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिक्किम सबसे ऊंचा मतदान केंद्र था। सहायक निर्वाचन अधिकारी राहुल जैन ने टशीगंग पोलिंग स्टेशन की पोलिंग पार्टी को बधाई देते हुए कहा कि इस बार भी यहां से 100 प्रतिशत वोटिंग का लक्ष्य है। उन्होंने पोलिंग पार्टी से बूथ में मतदाताओं के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि टशीगंग मतदान केंद्र आदर्श मतदान केंद्र भी है, ऐसे में सभी मतदाताओं का परंपरागत ढंग से स्वागत किया जाएगा। यहां मतदाताओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई है।
माइनस एक डिग्री तापमान
टशीगंग मतदान केंद्र में वीरवार को हल्का हिमपात होने के बाद शुक्रवार को तापमान माइनस एक डिग्री सेल्सियस रहा। निर्वाचन आयोग के लिए यहां मतदान करवाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यहां भी चुनौती कम नहीं चंबा जिले में भरमौर के अलहमी पोलिंग बूथ तक करीब 15 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर मतदान दल पहुंचा।
ऊंचे पांगी के चस्क भटोरी बूथ तक पहुंचने के लिए आठ किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ा। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के तहत भटियात के चक्की बूथ तक करीब 11 किलोमीटर का पैदल सफर कर टीम पहुंची। कुल्लू के सबसे दुर्गम पोलिंग बूथ शाक्टी में कर्मचारियों को 18 किलोमीटर का पैदल सफर कर पहुंचना पड़ा।
आपदा के समय क्षतिग्रस्त हुए मार्ग को पार कर पोलिंग पार्टी आनी उपमंडल का बशावल मतदान केंद्र तक पहुंची। कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल के मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को हेलीकॉप्टर में भेजा गया। शिमला जिले के रामपुर के मतदान केंद्र नन्ति में तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद पोलिंग पार्टी बूथ तक पहुंची। करसोग के दुर्गम वैकल्पिक मतदान केंद्र मगान के लिए सतलुज नदी को झूला पुल से पार कर टीम पहुंची।