Sun. Apr 27th, 2025

जलभराव से फिर जूझेगी हल्द्वानी: मौसम विभाग ने इस बार अधिक बारिश के जताए हैं आसार, जल्द शुरू हो सकती है बारिश

मानसून की बारिश हर साल हल्द्वानी शहरवासियों को दर्द देकर जाती है। नगर में खराब ड्रेनेज व्यवस्था के चलते कभी किसी के घर में पानी भर जाता है तो किसी की दुकान का सामान बारिश के पानी की वजह से खराब हो जाता है। हर साल प्रशासन और नगर निगम के आला अधिकारी जलभराव की समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन देते हैं फिर अगले मानसून तक भूल जाते हैं। पिछले साल की इन तस्वीरों को इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है कि इस बार भी स्थितियां कुछ जुदा होने वाली नहीं हैं,  इसलिए प्रशासन और नगर निगम की टीम पर भरोसा करने के बजाय इस समस्या से निपटने का इंतजाम खुद कर लें…सरकारी मशीनरी कैसे काम करती है, यह हल्द्वानी के नालों की सफाई और बड़े नालों के निर्माण कार्य से अंदाजा लगाया जा सकता है। राज्य में आगामी 15 दिनों में मानसून की बारिश शुरू होने के आसार हैं लेकिन अब तक न तो नगर निगम नाले साफ कर सका है, न ही जिला प्रशासन कलसिया, रकसिया, देवखड़ी नाले को अब तक चैनलाइज कर पाया है। बीते वर्षों में पर्वतीय क्षेत्र और हल्द्वानी में बारिश का पैटर्न लगातार बदला है। शाम के समय एकसाथ कुछ देर के लिए भारी बारिश तबाही मचा रही है। मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक बारिश के आसार जताएं हैं। ऐसे में जून में प्री-मानसून की बारिश होने पर हल्द्वानी के लोगों की दिक्कतें बढ़ना तय है। शनिबाजार का नाला हर बरसात में तबाही मचाता है। इससे जोशी विहार और गौजाजाली के क्षेत्र में पानी घुस जाता है। इसके लिए एडीबी से मिले पैसे से यूयूएसडीए ने प्लान बनाया है। इसका डिजाइन शासन में धूल फांक रहा है। इस बरसात में नाले का कार्य होना मुश्किल है।शहर में 13 चौराहों के चौड़ीकरण का काम रुका पड़ा है। कहीं पेड़ नहीं कटे तो कही बिजली के पोल शिफ्ट नहीं हुए हैं। कई जगह चौड़ीकरण की खुदाई का मलबा फैला पड़ा है। बारिश होने पर मलबा नालों में जाएगा। इससे बरसात के दौरान नाले चोक होना तय है। नगर निगम ने अपने 15 नालों का ठेका बहुत देरी से दिया है। इस कारण अब तक निगम के नाले 30 प्रतिशत भी साफ नहीं हुए हैं। बनभूलपुरा, राजपुरा और शनिबाजार क्षेत्र में नाले कूड़े से पटे हैं। ऐसे में 15 जुलाई से पहले इनका साफ होना मुश्किल है। वहीं, निगम क्षेत्र के 60 वार्डों की नालियां भी कूड़े से पटी हैं। बारिश होने पर घरों में जलभराव होना तय है।

रकसिया के आउटफॉल में चल रहा है काम
यूयूएसडीए को एडीबी से लोन के रूप में मिले 2200 करोड़ में से रकसिया नाले के आउटफॉल में काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में मई में काम शुरू हो पाया है। इस नाले को जंगल में मिलाया जाना है। यूयूएसडीए को नाला बनाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नाला खोदने के दौरान बिजली के पोल तो कहीं पेयजल लाइन शिफ्टिंग में समय लग रहा है। यूयूएसडीए के कुलदीप सिंह ने बताया कि मौसम ने साथ दिया तो अगस्त प्रथम सप्ताह तक ही नाले की पानी की निकासी हो पाएगी।

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