चारों सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस ने बनाई प्लानिंग, जबकि भाजपा नेता एक-दूसरे के खिलाफ कर रहे बयानबाजी
मेवाड़ में भाजपा को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। प्रदेश में चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। चूरू की सुजानगढ़ सीट को छोड़ सहाड़ा, वल्लभनगर और राजसमंद सीट मेवाड़ का हिस्सा है। इन चारों में से भी राजसमंद सबसे हॉट सीट बनी हुई है।
कांग्रेस इस सीट को जीतती है तो यह उसके लिए चुनावों की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि 2003 से ही यह सीट भाजपा के कब्जे में है। लेकिन लगातार तीन बार यहां की विधायक रहीं किरण माहेश्वरी के निधन के बाद अब यह सीट उपचुनाव के लिए खाली हुई है।
इसलिए कांग्रेस ने अब भाजपा के इस गढ़ को ढहाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी सहित कांग्रेस तमाम बड़े मंत्रियों को यहां उतार दिया है। वल्लभनगर, राजसमंद में राजपूत वोटों के प्रभाव को देखते हुए सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को भी उदयपुर दौरे पर भेज दिया।
कांग्रेस की कमान सीपी जोशी को, भाजपा के लिए कटारिया एकमात्र बड़ा चेहरा
सीएम अशोक गहलोत तमाम बड़े मंत्री इन सीटों पर प्रचार के लिए भेज रहे हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक यहां की सियासी रणनीति की कमान विधानसभा सीपी जोशी को दी गई है। जोशी मेवाड़ की नाथद्वारा सीट से विधायक हैं। इस क्षेत्र में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता भी। किरण माहेश्वरी के निधन के बाद अब गुलाबचंद कटारिया ही मेवाड़ में भाजपा के एक मात्र बड़ा चेहरा रह गए हैं।
20 को पैदल मार्च, 27 को मात्रकुंडिया में गहलोत की सभा प्रस्तावित
कांग्रेस उपचुनावों के औपचारिक कैंपेन की शुरुआत राजसमंद से 20 फरवरी को करने जा रही है। यहां किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का 15 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा राजसमंद, सहाड़ा और वल्लभनगर के सेंटर पॉइंट मात्रकुंडिया में 27 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा प्रस्तावित की गई है। इस सभा में कांग्रेस मंत्रियों के साथ राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी शामिल होंगे।
मेवाड़ में 26 विधानसभा सीटें हैं इसलिए उपचुनाव की जीत अहम
मेवाड़ के राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में 26 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें से 16 सीटें फिलहाल भाजपा के पास है। शांति धारीवाल, रघु शर्मा और उदयलाल आंजना दो दिनों से राजसमंद में जमे हुए हैं। यदि कांग्रेस उपचुनावों में यहां प्रभाव जमाने में सफल रहती है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में उसे इस जीत का फायदा जरूर मिल सकता है। इसलिए सीपी जाेशी अपने साथ मंत्रियों की फौज लेकर यहां दाैरे कर रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए राजसमंद में बड़ी-बड़ी घोषणाएं भी करवाई जा रही हैं। निकाय चुनावों में कांग्रेस ने राजसमंद में अपना बोर्ड बनाने में सफलता हासिल की है।
पार्टी में एकता का संदेश देने के लिए अगले महीने राजस्थान आ सकते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
राजस्थान भाजपा में चल रही गुटबाजी का असर विधानसभा की चार सीटाें पर हाेने वाले उप चुनाव पर पड़ने की आंशंका जताई जा रही है, जिस तरह से भाजपा के बीच बयानाें का दाैर चल रहा है, उसका खामियाजा भाजपा प्रत्याशियाें काे उठाना पड़ सकता है। इसकाे देखते हुए माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अगले माह राजस्थान का दाैरा कर सकते है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में एकता का संदेश दिया जा सके।
राजसमंद : किरण की अस्थि कलश यात्रा के दिन ही बड़े दावेदार के रूप में उभरा बेटी दीप्ति का नाम
राजसमंद विधानसभा सीट जीतने के लिए किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति पर भाजपा दांव खेल सकती है। माहेश्वरी के निधन के बाद परिवार की ओर से इस क्षेत्र में चार दिन तक अस्थि कलश यात्रा 25 से 28 दिसंबर तक निकाली गई थी। इस यात्रा के जरिए क्षेत्र में इस परिवार का जमकर माहाैल और चर्चा हुई थी। लाेगाें के आंसू और भावनाएं सामने आने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस सीट के लिए असल दावेदार उनके घर की किसी महिला काे माना था। उस समय माहेश्वरी परिवार ने ऐसा करके एक तरह से इस सीट पर हक जता दिया था। उनकी बेटी ने मां के अधूरे काम पुराने कराने का प्रण लेकर एक तरह से खुद काे एक दावेदार के रूप में पेश किया था।
वल्लभनगर : रणधीर सिंह के परिवार को मैदान में उतारना चाह रही है भाजपा
प्रदेश में सहाड़ा, राजसमंद, सुजानगढ़ और वल्लभनगर सीट पर चुनाव हाेने है। पार्टी ये मानकर चल रही है कि वल्लभनगर सीट काे छाेड़कर तीनाें जगह अच्छा मुकाबला कर लेगी । ऐसे में बीजेपी जनता सेना के रणधीर सिंह भींडर काे पार्टी में शामिल कराकर उनके परिवार के किसी सदस्य काे चुनाव का टिकट थमाने की दिशा में मंथन कर रही है। हालांकि भाजपा के एक प्रभावशाली गुट ने भींडर पर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाए हुए है। चूंकि इस सीट पर रणधीर सिंह का दबदबा पहले से ही है। पिछले महीने निकाय चुनाव में रणधीर सिंह की जनता सेना ने स्थानीय स्तर पर परचम लहराया था।