काम में तेजी नहीं आने पर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से चीफ इंजीनियर जितेंद्र दुबे को हटाया, PWD के अखिलेश अग्रवाल को सौंपी कमान
राज्य सरकार ने मप्र राज्य मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन के प्रमुख अभियंता (इंजीनियर इन चीफ ENC) जितेंद्र दुबे को हटा दिया है। उनकी जगह लोक निर्माण विभाग के ENC अखिलेश अग्रवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। दुबे को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह की नाराजगी के चलते हटाया गया है। मेट्रो रेल बोर्ड की पिछले सप्ताह हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत भी दिए थे। मेट्रो रेल का निर्माण कार्य धीमी गति से होने पर उन्होंने निर्देश दिए थे कि जिस अफसर को हटाना है, हटा दो। निर्माण कार्य तय समय में पूरा होना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने दुबे की सेवाएं वापस खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को सौंप दी है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के ENC जितेंद्र दुबे को मेट्रो प्रोजेक्ट की कमान 21 अप्रैल 2016 को सौंपी गई थी। सरकार ने भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल का पहला फेज आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन काम जिस गति से चल रहा था, उससे साफ है कि तय समय सीमा में इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं है। यदि काम धीमी गति से होगा तो प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ेगी।
इंदौर में कंसल्टेंट व ठेका कंपनी के बीच चल रहा विवाद
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, इंदौर मेट्रो रेल के लिए नियुक्त कंसल्टेंट व निर्माण एजेंसी के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है, जिसे प्रमुख अभियंता जितेंद्र दुबे ने गंभीरता से नहीं लिया। इस वजह से इंदौर का प्रोजेक्ट लेट होता जा रहा था। सरकार स्तर पर होने वाली बैठकों में इसको लेकर नाराजगी भी व्यक्त की गई। बावजूद दुबे विवाद को सुलझाने में रुचि नहीं ले रहे थे।
सिंह ने चार माह पहले की थी दुबे को हटाने की सिफारिश
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चार माह पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र खिलकर मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन के प्रमुख अभियंता को हटाने की सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक सिंह मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की बैठकों में दुबे की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। बावजूद इसका असर नहीं हुआ। नतीजा, निर्माण कार्य लगातार लेट होता जा रहा था।