Fri. Nov 1st, 2024

ब्लैक लाइव्स मैटर्स / 6 बार के फॉर्मूला-1 वर्ल्ड चैम्पियन हैमिल्टन रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में सड़क पर उतरे, कहा- लड़ाई जारी रखें, बदलाव जरूर आएगा

6 बार के फॉर्मूला-1 वर्ल्ड चैम्पियन लुइस हैमिल्टन रविवार को लंदन में रंगभेद के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। 35 साल के हैमिल्टन इकलौते अश्वेत फॉर्मूला-1 ड्राइवर हैं, जो अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद इस तरह के मार्च में शामिल हुए।

इस प्रदर्शन में हैमिल्टन ‘ब्लैक लाइव्स मैटर्स’ लिखी तख्ती लेकर शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘रंगभेद के खिलाफ लड़ाई का हर रंग, नस्ल के लोग समर्थन कर रहे हैं। मुझे भी अपने रंग पर गर्व है और यह पक्का है कि बदलवाव आएगा, बस हमें यहीं नहीं रूकना है और अपनी लड़ाई जारी रखनी है।

हैमिल्टन अश्वेतों को मोटर रेसिंग से जोड़ने के लिए काम करेंगे 
इससे पहले, हैमिल्टन ने ब्रिटेन के अखबार में एक आर्टिकल के जरिए बताया कि वह अश्वेत युवकों को मोटर रेसिंग से जोड़ने के लिए अलग बॉडी का गठन करेंगे। इस काम में ब्रिटेन की रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग उनकी मदद करेगी। इस आर्टिकल में उन्होंने अपने करियर के शुरुआती कुछ सालों का भी जिक्र किया कि कैसे वे कई बार रंगभेद का शिकार हुए।

फॉर्मूला-1 के शुरुआती सालों में लोग मुझे चिढ़ाते थे: हैमिल्टन

उन्होंने बताया कि फॉर्मूला-1 रेसिंग के शुरुआती सालों में बच्चों ने मुझ पर सामान फेंका। मुझे आज भी 2007 का वो लम्हा याद है, जब  शुरुआती ग्रां प्री रेस में कुछ लोगों ने मुझे चिढ़ाने के लिए अपना चेहरा काले रंग से पोत लिया था।

‘फॉर्मूला-1 में अश्वेत खिलाड़ी बहुत कम’

इस फॉर्मूला-1 रेसर ने लिखा, ‘‘फॉर्मूला-1 में सफल होने के बाद भी मेरी राह में कई रोड़ आए। मेरे जैसे इक्का-दुक्का लोगों को छोड़ दें, तो इस खेल में बहुत कम अश्वेत खिलाड़ी निकलकर आगे आए हैं।’’ इस इंडस्ट्री ने हजारों लोगों को रोजगार दिया, लेकिन समाज की सही हिस्सेदार अभी भी बाकी है।

हैमिल्टन को उम्मीद है कि उनकी इस कोशिश से फॉर्मूला वन की तस्वीर बदलेगी और कई अश्वेत खिलाड़ी भी इसमें आएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *