झगड़े का बदला लेने रची साजिश दुश्मन को फंसाने अपने पैर में मारी गोली, अब खुद ही बन गया आरोपी
ग्वालियर के महारजपुरा में एक लड़के को पैर में गोली मारने की घटना का खुलासा भी पुलिस ने किया है। युवक ने खुद पैर में गोली मारी थी। उसके पैर में घाव के पास गन पाउडर के ब्लैक स्पॉट बन गए थे। जब भी कोई करीब से गोली मारता है तो ऐसे निशान बन जाते हैं। घटना 13 जुलाई की रात महाराजपुरा प्रहरी कॉम्पलेक्स की है।
घायल ने जिस युवक का नाम उस पर हमला करने वालों में लिया था वह अपने घर पर सोता मिला था। इतना पता लगा है कि खुद को घायल करने वाले व्यक्ति का दो दिन पहले कथित हमलावर से विवाद हुआ था। इस कारण वह उसे फंसाना चाहता था। अब पुलिस ने खुद काे घायल करने वाले पर ही मामला दर्ज कर लिया है।
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि दो दिन पहले एक युवक गोली लगने से घायल होकर इलाज के लिए भर्ती हुआ था। पुलिस जब मौके पर पहुंची और जांच की तो पता चला कि घायल कृष्णा भदौरिया के पैर में गोली लगी है। साथ उसके पैर पर ब्लैकनिंग दिखी, जो अपने हाथ से बिल्कुल करीब से गोली मारने पर गन पाउडर से बन जाती है। शंका होने पर उससे पूछताछ की तो पहले उसने अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली चलाना बताया। कुछ देर बाद उसने हमलावरों के नाम कृष्णा राठौर और लवकुश गुर्जर बताते हुए उनके द्वारा गोली चलाना बताया। घायल के बयान क आधार पर पुलिस जब कृष्णा राठौर व लवकुश के घर पहुंची तो वह अपने घर में सुकून की नींद लेते हुए मिले। दोनों को थाना लाकर पुलिस ने पूछताछ की तो पता लगा कि वह तो घटना स्थल पर थे ही नहीं। उनकी मोबाइल लोकेशन भी अलग बता रही थी।
दोस्तों से पूछताछ की तो अलग-अलग बयान से खुला मामला
पुलिस ने जब घायल के साथ घटना के समय मौजूद अजय वर्मा, जतिन सविता और अंकुश राणा से बातचीत की तो उनके बयान भी अलग-अलग नजर आए। जिस पर पुलिस का शक यकीन में बदल गया। पुलिस ने जब घायल और उसके साथियों से पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है। घायल ने जिन पर दो लड़कों पर आरोप लगाया था उनसे उसका दो दिन पहले विवाद हुआ था। उनको सबक सिखाने के लिए उसने यह फर्जी हमले की कहानी रची थी। पूरी प्लानिंग घायल कृष्णा भदौरिया की थी, जिसमें उसका दोस्त अंकुश राणा शामिल था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस बोली-अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही गिरफ्तारी
इस मामले में एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि फर्जी मामले दर्ज कराने वालों के खिलाफ पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी। घटना में जो भी शामिल होंगे उन सबको एक्सपोज किया जाएगा। जिससे किसी पर झूठे मामले का दवाब ना हो और अपराधी को सजा मिल सके। घायल के अस्पताल डिस्चार्ज होने के बाद उसकी गिरफ्तारी की जाएगी।