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मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्‍व के खिलाफ असंतोष आया सामने, नेता अजय चौरडि़या ने प्रेस वार्ता कर कहा जीतू पटवारी पद छोड़ें

प्रदेश कांग्रेस में अंदरुनी हलकों में प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ पनप रहा असंतोष और विरोध अब जमीन पर आ गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर से ही इसकी शुरुआत हुई है। पटवारी पर सत्ता के साथ समन्वय कर सेटलमेंट की राजनीति कर संगठन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।

बकायदा स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय चौरड़िया ने कांग्रेस अध्यक्ष पर कांग्रेस संगठन को कमजोर करने के आरोप लगा दिए। आलाकमान से मांग भी कर दी कि पटवारी के साथ प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्रसिंह को भी हटाया जाना चाहिए।

पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाले करीब सात महीने हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। इस बीच कांग्रेस गुटों में बंटी नजर आ रही थी। साथ ही कई बड़े नेता और कार्यकर्ता खुद को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे थे।

हालांकि विरोध अब तक सिर्फ अंदरुनी तौर पर चर्चाओं तक ही सीमित था। पहली बार सार्वजनिक रूप से पटवारी के खिलाफ इंदौर में मोर्चा खोल दिया गया है। चौरड़िया ने आरोप लगाया कि पटवारी न केवल सरकार के साथ सेटलमेंट कर रहे हैं बल्कि भाजपा नेताओं के साथ कारोबारी संबंध भी निभा रहे हैं।

इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को उम्मीदवार विहीन होने के लिए भी पटवारी को जिम्मेदार ठहरा दिया। चौरड़िया ने कहा कि पटवारी को पहले जानकारी थी कि इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार पाला बदलेगा। इस बारे में वे केवल लापरवाह ही नहीं बने रहे बल्कि षडयंत्र करते हुए उन्होंने ही डमी उम्मीदवार को सही फार्म भरने से रोका।

डमी उम्मीदवार मोतीसिंह पटेल को दो नामांकन दाखिल करने थे लेकिन पटवारी के करीबी ने यह कहते हुए रोक दिया कि भैया से बात हो गई है। एक ही फार्म भरवाया गया। इस बारे में कुछ लोगों के पास वीडियो भी है लेकिन वे डर के कारण इसे सार्वजनिक नहीं कर रहे।

पटवारी भाजपा के साथ सेटलमेंट कर रहे

चौरड़िया ने यह तक कह दिया कि अपने भाई नाना पटवारी को प्रशासन और कानूनी कार्रवाई और जिलाबदर से बचाने के लिए भी जीतू पटवारी भाजपा के साथ सेटलमेंट कर रहे हैं।
पटवारी की भाषा रवैये पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। कटनी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पटवारी जहां जिस जिले में जाते हैं वहां पदाधिकारी कांग्रेस छोड़ देते हैं।
कटनी में ऐसा हुआ। बैतूल और धार लोकसभा सीट पर स्थानीय विधायकों व कार्यकर्ताओं को अनदेखी कर दिकट दिए।
मुरैना में टिकट घोषणा में देरी की ताकि पार्टी को नुकसान हो। लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को सहयोग नहीं किआंदोलन नहीं करने दे रहे

पत्रकार वार्ता में प्रदेश उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने कहा कि पटवारी कार्यकर्ताओं को आंदोलन करने की अनुमति तक नहीं दे रहे। इंदौर में पेपर लीक कांड में जब उनसे अनशन की अनुमति कुछ कार्यकर्ताओं ने मांगी तो उन्होंने इनकार कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस का कार्यकर्ता हताश

नगर निगम के घोटाले हो या अन्य कांड पटवारी न खुल कर सामने आ रहे हैं ना ही अन्य नेताओं को आक्रामक विरोध करने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस का कार्यकर्ता हताश है। कार्यकर्ता सामने आ कर विरोध नहीं कर सकते इसलिए सबकी आवाज उठाने के लिए मुझे सामने आना पड़ा।मल्लिकार्जुन खरगे के करीबी हैं चौरडि़या

उल्लेखनीय है कि चौरड़िया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के करीबी माने जाते हैं। खड़गे के अध्यक्ष के चुनाव में वे ही दिल्ली से उनके एजेंट व पर्यवेक्षक नियुक्त हुए थे।

खड़गे के परिवार के साथ भी वे बीते समय अलग-अलग जगह नजर आते रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि खड़गे के साथ उनके संबंध निजी है। कांग्रेस कार्यकर्ता होने के कारण संगठन की बेहतरी के लिए वे आवाज उठा रहे हैं।

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