भारत-चीन विवाद का असर / चाइनीज ऑटो कंपनियां अब चीनी नहीं बल्कि भारतीय स्टॉफ को काम पर रखना पसंद करेंगी, स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों को देंगी तव्वजो
नई दिल्ली. भारत और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई लड़ाई के बाद भारतीयों में चीन के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है। सोशल मीडिया पर हैशटैग चलाकर लोग चीनी प्रोडक्ट्स का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में भारत में मौजूद चीनी कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है। स्थिति को देखते हुए चीनी कंपनियां अब यहां सोच समझकर कदम उठाएगी। चीन की ऑटो कंपनी ने फैक्ट्री फ्लोर से लेकर बोर्ड रूम तक भारतीयों की भर्ती करने का फैसला किया है।
इन कंपनियों को लगता है कि लॉन्ग टर्म प्लान के लिए लोकल स्तर पर लोगों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना अहम है। उद्योग के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा हालात से पहले भी कंपनी की रणनीति यही रही है लेकिन अब हालात को बदलते देख कंपनियां लंबे वक्त के लिए भारतीय स्टॉफ को ही तव्वजो देंगी।
एमजी मोटर्स में 1,700 कर्मचारी काम करते हैं
एमजी मोटर इंडिया के प्रमुख ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों में 99.5 फीसदी भारतीय हैं। यह देश में पूरी तरह से ऑपरेशन शुरू करने वाली चीन की पहली ऑटो कंपनी है। ग्रेट वॉल मोटर्स, फोटन और बीवाईडी भी इसी तरह की रणनीति अपना रही हैं। इनके कर्मचारियों की संख्या में कम से कम चीन के लोग हैं। एमजी मोटर इंडिया के प्रेसीडेंट राजीव छाबड़ा के मुताबिक, भारत में एमजी मोटर्स में 1,700 कर्मचारी काम करते हैं। इसमें केवल 14 बाहरी हैं। कंपनी के सभी निर्णय भारतीय कर्मचारी ही करते हैं।
ग्रेट वॉल मोटर्स कंपनी में 90 फीसदी भारतीय कर्मचारी
वहीं, चीनी ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स की बात की जाए तो इस कंपनी की पुणे फैक्टरी में करीब 90 फीसदी से ज्यादा भारतीय कर्मचारी काम करते हैं। इसमें कुछ अहम पदों पर चीन के लोगों को रखा जाएगा। कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, कंपनी लोकल लोगों को काम पर रखेगी। वे ग्राहक की जरूरत को बेहतर तरीके से समझते हैं। उनके लिए डीलरों और वेंडरों से आपस में बात करना आसान होता है। इसके अलावा चीन से यहां लोगों को रखना काफी महंगा भी है।
भारतीय ग्राहक में चीनी प्रोडक्ट्स को लेकर भावना कम हुई
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस के वाइस चेयरमैन अनुराग अग्रवाल ने कहा कि ज्वाइंट वेंचर में हमारी हिस्सेदारी 70 फीसदी है। इसलिए टेक्निकल सपोर्ट के अलावा ज्यादातर स्थानीय लोग होंगे। चीन की ऑटो कंपनी changan ऑटोमोबाइल एक्जीक्यूटिव ने कहा कि भारतीय ग्राहकों के बीच आज भले ही चीनी प्रोडक्ट्स को लेकर भावना कम हो गई है लेकिन आगे भारतीय मैनपावर की क्वालिटी से काफी फर्क पड़ेगा।