बिजली सरप्लस, हम 23 घंटे बिजली दे रहेः प्रद्युम्न सिंह तोमर
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दावा किया है कि प्रदेश में बिजली सरप्लस है और पूरे प्रदेश के क्षेत्रों में हम औसतन 23 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बिजली सप्लाई स्थिति सुधारने व उपभोक्ताओं को व्यापक सेवा देने के लिये अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्ययोजना बनाकर काम करने को कहा है।
सोमवार को ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने विभाग की विस्तृत कार्ययोजना पेश की। उन्होंने कहा कि हमने ट्रिपिंग की समस्या पूरी तरह से समाप्त करने की कोशिश की है। औसतन 23 घंटे बिजली आपूर्ति देने के साथ ही हम 9 घंटे किसानों को खेती-बाड़ी के लिये भी बिजली दे रहे हैं। इससे किसान अपनी फसलों को नियमित पानी भी दे सकें। श्री तोमर ने बताया कि मध्यप्रदेश उर्जा विभाग पूरे प्रदेश में एक साथ सभी मुख्यालयों पर एक लाख पौधे रोपण करेगा। वहीं उर्जा विभाग दो माह से लेकर पांच वर्ष तक की कार्ययोजना बनाकर उर्जा विभाग को सुदृढ करने का प्रयास करेगा। श्री तोमर ने कहा कि वह सभी संभागों में कार्ययोजना बनाकर वहां के जन प्रतिनिधियों से मिलकर उर्जा विभाग में आ रही परेशानियां और उसका कैसे समाधान जल्द से जल्द किया जाये इसे लेकर लगातार समीक्षा बैठक कर रहे हैं। इसी के तहत सोमवार को उन्होंने ग्वालियर में बैठक का आयोजन कर सभी जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनके द्वारा दिए जा रहे प्रस्तावों पर अमल करने जा रहे हैं वहीं उन्होंने आठ दिन से लेकर पांच साल तक की योजना तैयार की है जिसके तहत वह ट्रांसफार्मर को बदलवाने, उसका भार बढाने आदि कार्य को समय सीमा में पूरा करने का प्रयास करेंगे।
मप्र के उर्जा मंत्री ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार आदिवासी गरीब वर्ग के लोगों को बिजली कनेक्शन पर निर्धारित छूट के साथ ही जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चिन्हित पीवीटीजी समूहों के विद्युतीकरण की कार्ययोजना को लागू कर रहे हैं। उन्हांेने बताया कि 2024-25 के लिए मप्र विद्युत निमायक आयोग द्वारा जारी टैरिफ दरों में 25420 करोड की सब्सिडी मंत्रीपरिषद द्वारा लिए निर्णय पर दिए जाने का निर्णय लिया है। उर्जा विभाग द्वारा संभागीय मुख्यालयों में एक ही परिसर में अलग अलग निवासरत परिवारों जिनका विधिक रूप से बंटवारा नहीं हुआ है, पायलट प्रोजेक्ट के तहत पृथक-पृथक घरेलू कनेक्शन अब प्रदान किये जायेंगे। अटल गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट खपत के लिए 100 रूपये का बिल दिया जा रहा ह। एवं अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जा रही है। राज्य शासन द्वारा एक हेक्टेयर भूमि एवं पांच हार्स पावर तक के कृषि पंप वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों को निशुल्क विद्युत प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत विगत आठ माह में लगभग 3800 करोड की राहत प्रदान की गई है। इससे प्रतिमाह औसतन 9 लाख कृषि उपभोक्ता लाभांवित हो रहे हैं।
विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्तीय रूप से साध्य एवं परिचालन में दक्ष वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति के उददेश्य से सुधारों से जुडे परिणाम आधारित वितरण क्षेत्र योजना रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम लागू की गई है। योजना का मुख्य उददेश्य वितरण कंपनियों की समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को कम करना तथा बिजली की प्रति यूनिट लागत तथा राजस्व के अंतर को समाप्त करना है। आरडीएसएस योजना में अधोसंरचना विकास कार्यो के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। उक्त योजना के तहत राज्य की तीनों वितरण कंपनियों द्वारा किये जाने वाले लगभग 24170 करोड की कार्य योजना के लिए राज्य शासन द्वारा सहमति प्रदान की गई है। इसके तहत नवीन 33-11 केव्ही उपकेन्द्र स्थापना, नवीन वितरण ट्रंासफार्मर स्थापना, उच्च दाब लाईन निर्माण, केबल स्थापना केपेसीटर बैंक स्थापना स्मार्ट मीटर स्थापना शामिल है। उर्जा मंत्री ने बताया कि लोकसेवा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रत्येक माह राज्य शासन के विभागों के सीएम हेल्प लाईन पर किये गये प्रदर्शन के आधार पर जारी की जा रही ग्रेडिंग में उर्जा विभाग को विगत छह माह में लगातार ए ग्रेडिंग के साथ प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।