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ईको फ्रेंडली गणपति की मूर्तियों की मांग बढ़ी-जाने शुभ मुहूर्त

गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया…। गणेश चतुर्थी पर इस बार गणपति बप्पा लोगों के इको फ्रेंडली दोस्त बनेंगे। बाजारों में लाल बाग के राजा की इको फ्रेंडली यानी कि पर्यावरण अनुकूल मूर्ति की मांग 50 फीसदी बढ़ गई है। मूर्ति इस प्रकार तैयार की जा रही है, कि विसर्जन के दस मिनट बाद ही पानी में घुल जाए, ताकि पर्यावरण को भी नुकसान न हो। सबसे खास बात यह हैं कि छोटी मूर्तियों को घर में टब में पानी भरकर विसर्जित किया जा सकेगा। यह बप्पा की मौजूदगी को और भी खास बनाएगी। भगवान गणेश की छोटी-बड़ी मूर्तियां भक्तों को मोहित कर रही हैं। इन मूर्तियों में किसी में बप्पा मोर पर सवार दिख रहें हैं तो किसी में नंदी के ऊपर सवार है। कई मूर्तियों को देख यूं लग रहा हैं कि मानो विघ्नहर्ता अभी बोल उठेंगे। भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (7 सितंबर 2024) को दस दिन के लिए घर-घर में श्रीगणेश को विराजित किया जाएगा। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की कामना के लिए आठों प्रहर सेवा की जाएगी। वैसे तो श्रीजी शुभता का प्रतीक हैं। इसके बाद भी मान्यता है कि प्रथम पूज्य गणपति को विराजित करने से पहले तीन प्रमुख बातों का ध्यान सनातन धर्मावलंबी रखते हैं।गणेश चतुर्थी को लोग अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को गणपति जी का विसर्जन किया जाएगा।गणेश चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी छह सितंबर को दोपहर में तीन बजकर एक मिनट से आरंभ होगी और उसके बाद सात सितंबर को शाम पांच बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी सात सितंबर को मनाई जाएगी।

घर में इस विधि से करें गणपति की पूजा
गणेश जी की मूर्ति के सामने रोजाना सुबह शाम दीपक जलाएं। गणेश जी जितने दिन आपके घर में रहें उतने दिन उन्हें कम से कम तीन समय भोग लगाना चाहिए। भगवान को मोदक का भोग जरूर लगाएं।

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