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पशु प्रेमी अब विधि विधान से कर सकेंगे पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार पेट एनीमल का नगर निगम कराएगा अंतिम संस्कार, लिया जाएगा यूजर चार्ज

आगरा।  पशु प्रेमियों को स्वान-बिल्ली जैसे पालतू जानवरों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए इधर उधर नहीं भटकना होगा। अब वे अपने पालतू पशु का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार कर सकेंगे।  नगर निगम जल्द ही वैज्ञानिक तरीके से इन जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए इंसीनेटर प्लांट लगाने जा रहा है। यूजर चार्ज देकर कोई भी पशु प्रेमी इन जानवरों का वहां पर अंतिम संस्कार करा सकेगा।

नगर निगम की सीमा में रहने वाले हजारों लोगों ने घरों में स्वान व बिल्ली जैसे जानवरों को पाल रखा है। ये जानवर घरों में परिवार के सदस्य की तरह से ही रहते हैं। इन जानवरों की मौत होने के बाद अक्सर पशु प्रेमियों को इनके अंतिम संस्कार को लेकर समस्या का सामना करना पड़ता है। अंतिम संस्कार की कोई वैज्ञानिक सुविधा न होने के चलते पशु प्रेमी अपने पशुओं को या तो जमीन में दफना देते हैं या फिर उन्हें बोरे आदि में बंद कर नदी नालों में विसर्जित कर देते हैं। इन जानवरों को इस तरह से अंतिम विदाई देने से जहां उन्हें असीम कष्ट होता है वहीं उनकी भावनाएं आहत होती हैं । इन पशुओं के इस प्रकार से विर्सजन से भू गर्भीय जल व वायु प्रदूषण भी होता है। इसी को ध्यान में रख कर अब सरकार इस प्रकार के पशुओं का वैज्ञानिक तरीके अंतिम संस्कार करने पर जोर दे रही है।

कुबेरपुर में नगर निगम लगा रहा है प्लांट:-

इस संबंध में जानकारी देते हुए पशु कल्याण अधिकारी डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि कुबेरपुर में नगर निगम करीब पन्द्रह सौ स्क्वायर मीटर भूमि पर इस प्लांट का निर्माण कराने जा रहा है। इसके निर्माण के लिए निजी कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार नगर में प्रतिदिन चालीस से पचास छोटे पशुओं की मौत होती है। इसे आगामी छह माह में चालू करने की योजना है।

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत होगा निर्माण:-

पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि प्लांट का निर्माण नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत कराया जा रहा है। प्लांट सी. एन. जी.पद्धति पर आधारित होगा जिससे अंतिम संस्कार के समय किसी भी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं होगा।

विसर्जन के लिए अस्थियां भी मिलेंगी:-

पशुओं के अंतिम संस्कार के बाद यदि कोई पशु प्रेमी अपने पालतू जानवर की अस्थियां लेना चाहेगा तो उसे वह भी प्लॉट पर उपलब्ध करा दी जाएंगी। पशु प्रेमियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

बंदरों का भी होगा अंतिम संस्कार:-

इस प्लांट पर बंदरों का भी अंतिम संस्कार कराया जा सकेगा। बंदरों के मरने के बाद अक्सर लोग उन्हें नदियों में बहा देते हैं। बंदरों और स्ट्रीट डॉग के अंतिम संस्कार के लिए भी किसी प्रकार का चार्ज नहीं लिया जाएगा। बिगत दिनों नगर भ्रमण पर आये प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने भी इस प्लांट को जल्द से जल्द चालू कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे।

वर्जन———-

वायु एवं जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए बंदर, श्वान और बिल्ली जैसे छोटे मृत पशुओं के शव वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के लिए इस तरह के प्लांट की महती आवश्यकता थी। नगर निगम इसी दिशा में कार्य कर रहा है

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