चीन में उतर रहा फुटबॉल का फीवर:क्या चेल्सी से खेल चुके ऑस्कर दोबारा यूरोप लौट पाएंगे?;2016 में चीन के क्लबों ने बड़े नामों को भारी रकम देकर खरीदना शुरू किया
इंग्लिश क्लब चेल्सी ने 2012 में दो मिडफील्डर ब्राजील के ऑस्कर और बेल्जियम के केविन डी ब्रूइन को साइन किया। डी ब्रूइन को जल्द ही लोन पर जर्मनी भेज दिया गया। ऑस्कर को सीजन के पहले ही मैच में डेब्यू का मौका मिला। डी ब्रूइन अभी मैनचेस्टर सिटी के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं। वहीं 29 साल के ऑस्कर ने 5 साल से इंटरनेशनल मैच नहीं खेला। उन्हें फुटबॉल की दुनिया भूल चुकी है।
2016 में चीन के क्लबों ने भारी रकम देकर बड़े खिलाड़ियों काे खरीदा
2016 में यूरोपियन फुटबॉल में चाइनीज फुटबॉल की महामारी आई थी। चीन के क्लबों ने बड़े नामों को भारी रकम देकर खरीदना शुरू किया। एक समय 10 दिन के भीतर तीन बार चीनी ट्रांसफर रिकॉर्ड टूटा। पहले चेल्सी के रामिरस, फिर एटलेटिको मैड्रिड के मार्टिनेज, अंत में शाख्तर दोनेत्स्क के एलेक्स टेक्सेरा के लिए। शंघाई एसआईपीजी ने 537 करोड़ में 25 साल के ऑस्कर को चेल्सी से साइन किया। उन्हें साल के करीब 195 करोड़ मिलने लगे। उनके करिअर के अच्छे 6-7 साल बचे थे। लेकिन उनके इस फैसले को समझना मुश्किल था।
चीन के क्लब खिलाड़ियों के पे में कर सकती है कटौती
ऑस्कर के अनुसार परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उन्होंने ऑफर स्वीकारा। जब उन्होंने चेल्सी छोड़ने का मन बनाया था तो एटलेटिको मैड्रिड, युवेंट्स, मिलान जैसे क्लब में उनके लिए होड़ थी। इधर, कोरोना के पहले से ही चीन में फुटबॉल की स्थिति बिगड़ने लगी थी। मार्टिनेज रिटायर हो चुके। रामिरस बिना क्लब के है। टेक्सेरा भी जियांगसु से अलग हो चुके हैं। खिलाड़ियों के पे-कट की बात भी चल रही है। ऑस्कर अभी 29 साल के हैं।
उनमें काफी फुटबॉल बची है। लेकिन सच्चाई ये भी है कि बड़े खिलाड़ियों के साथ नहीं खेलने से उनका खेल कमजोर हुआ है। वो कला चली गई है, जो उन्हें खास बनाती थी। शायद ऑस्कर कभी वापस नहीं जा पाएं, जहां वे 2016 में थे। उन्होंने वही किया है जो उन्हें करना था। उन्हें वो मिला, जिसका सपना देखा था। लेकिन दुख की बात फैंस के लिए हैं, जिन्होंने ऑस्कर के शानदार खेल को मिस कर दिया।