Thu. Nov 21st, 2024

सागर हो या सीहोर आरआईसी बुंदेलखंड में विकास के लिए बनेगा मील का पत्थर, सागर में बीड़ी उद्योग के लाखों मजदूर हमारी प्राथमिकता, चांदी के लिए बनाएंगे क्लस्टर : मुख्यमंत्री

मध्यप्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का चौथा संस्करण कल सागर में संपन्न हुआ, तमाम उद्योगपतियों का दिल जीतने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जब सागर संभाग के परंपरागत बीड़ी उद्योग से लगे हुए लाखों मजदूरों की चिंता का जिक्र किया तब साढ़े तीन हजार उद्योग प्रतिनिधियों से भरा सभागार तालियों से गूंज उठा। यूं कहा जाए कि, मप्र के इतिहास में डॉ. मोहन यादव पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने बीड़ी उद्योग में लगे लाखों मजदूरों के परिवारों की चिंता की। अवसर था कल जवाहर लाल पुलिस अकादमी सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपने विजनरी ड्रीम प्रोजक्ट रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि देश भर से आए उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे। तब उन्होंने लाखों बीड़ी मजदूरों की मार्मिक व्यथा का उल्लेख करते हुए कहा कि, हमें बीड़ी मजदूरों के परिवारों के उत्थान की चिंता करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीड़ी उद्योग को इको फ्रेंडली बनाने के लिए जोर दिया जाए ताकि बीड़ी मजदूर स्वस्थ रहकर आत्मनिर्भर बन सकें और इसके लिए मप्र के सागर संभाग में प्रचुर मात्रा में तेंदुपत्ता उपलब्ध है बस इसे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ऐसे उद्योग में परिवर्तित करना चाहिए जिससे लाखों बीड़ी मजदूरों के जीवन स्थर में क्रांतिकारी बदलाव आ सके। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि, सागर से लेकर सीहोर तक, उज्जैन से लेकर जबलपुर-ग्वालियर तक, भोपाल से लेकर झाबुआ तक मध्यप्रदेश में चारों तरफ उद्योग व्यापार की असीमित संभावनाएं हैं। उन्होंने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के चौथे संस्करण के अवसर पर कहा कि, इससे देश भर के उद्योगपति जुड़ रहे हैं और मप्र आ रहे हैं। और इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि, मप्र के स्थानीय उद्योगपतियों ने लाखों रोजगार सृजन करने के दृष्टिकोण से बेरोजगारों के हित में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। इसलिए यह कहने में संकोच नहीं है कि, मप्र में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव विकास के लिए मील का पत्थर बनेगा। बता दें कि औद्योगिक विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहे सुधारों का उल्लेख करते मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन बुंदेलखंड की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा। सागर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 23700 करोड़ के इंवेस्टमेंट के प्रस्ताव सरकार को मिले हैं। कॉन्क्लेव में उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से 60 से अधिक उद्योगपति भी शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चांदी के व्यापार के लिए विधायक शैलेन्द्र जैन की मांग पर चांदी क्लस्टर के निर्माण की घोषणा भी कर दी। कान्क्लेव के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पन्ना, छतरपुर, दमोह, और निवाड़ी जिलों में सीमेंट उद्योगों में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। अकेले पन्ना में 3,500 करोड़ रुपये का निवेश होने जा रहा है। उन्होंने सागर में बनने वाले नए डेटा सेंटर का भी उल्लेख किया, जिसमें 1,700 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इस अवसर पर बंसल ग्रुप के सीएमडी सुनील बंसल ने मध्यप्रदेश में व्यवसायियों और निवेशकों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और माहौल की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि ‘जिस तरह की हैंड होल्डिंग मध्यप्रदेश में की जाती है, हर स्तर पर बेहतरीन माहौल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से जब भी संवाद होता है, किसी भी समस्या को लेकर बात होती है तो उसका हल वो अलग तरीके से निकालते हैं। हमारे बिजऩेस को वो हमसे ज्यादा अच्छे से समझते हैं और इससे हमें एक अलग तरह की हिम्मत और अनुभव मिलता है।’ सम्मेलन में अन्य उद्योगों जैसे कि रेडीमेड गारमेंट्स, एग्रो-प्रोडक्ट्स और मेटल इंडस्ट्री के प्रस्ताव भी सामने आए। बीना में 400 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, जो 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देगा। सागर क्षेत्र में कई बड़े निवेश प्रस्तावों का स्वागत किया गया, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की भी जानकारी दी। फोर लेन और सिक्स लेन सड़कों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के औद्योगिक और व्यापारिक क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे हैं। एयरपोर्ट और एविएशन सेक्टर में भी 1,800 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विकास यात्रा से बुंदेलखंड का चेहरा बदलने वाला है और आने वाले समय में यह क्षेत्र पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव सागर की बेहतरीन तैयारी के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव संदीप यादव, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़़े, एमपीडीआईजी के प्रबंध निदेशक चंद्रमौली शुक्ला, जनसंपर्क संचालक अंशुल गुप्ता की टीम ने अद्भुत समन्वय से रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव सागर अभी तक के हुए पूर्व के तीन रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव रहे हैं उसमें बेहतर साबित हुआ है ऐसा माना जाए तो चौंकिएगा मत। क्योंकि सागर के केबिनेट मंत्री गोविन्द राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह तथा सागर की संसद सदस्य लता वानखेड़े तो फूले नहीं समाएं , और पशुधन मंत्री लखन पटेल तो अपने विभाग का जिक्र सुनते ही खिलखिला उठे। इस जीरो ग्राउण्ड रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि क्या कलेक्टर, क्या डीआईजी और क्या जनसंपर्क के अधिकारी राजेश बेन सबके सब सुनियोजित थे यह एक अच्छा संकेत मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *