घटना के बाद तनाव और विरोध प्रदर्शन: इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया और बड़ी संख्या में लोग थाने के सामने इकट्ठा हो गए। आक्रोशित भीड़ ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर मामले में त्वरित कार्रवाई का दबाव बनाया। पीड़ित परिवार ने पुलिस की गाड़ी पर चढ़कर भी विरोध किया।
पुलिस की कार्रवाई: घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के कलेक्टर अभय अरविंद बेडेकर और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने लोगों को समझाइश दी और आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने छेड़खानी और मारपीट के मामले में 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जामा मस्जिद के पास बढ़ा तनाव: इस घटना के बाद मस्जिद के पास काफी विवाद हो गया था, जिसके चलते पुलिस को अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे कानून को हाथ में न लें और शांति बनाए रखें। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन इलाके में तनाव अभी भी बरकरार है।
पुलिस और प्रशासन का बयान: कलेक्टर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए बताया कि कानून सभी के लिए समान है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने भी कहा कि जांच तेजी से की जा रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
यह घटना राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का संकेत दे सकती है, जिसके चलते प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी पड़ी।