मातृ-पितृ भक्ति दिवस: नरेला में बुजुर्गों को मिली स्नेह और सम्मान की नई पहचान, भगवान श्रीराम और श्रवण कुमार ने समाज को दिया ‘मातृ-पितृ भक्ति’ का उच्चतम उदाहरण: विश्वास सारंग
भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग की पुण्यतिथि एवं उनकी धर्मपत्नी स्व. श्रीमती प्रसून सारंग की जयंती इस वर्ष भी ‘मातृ-पितृ भक्ति दिवस’ के रूप में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर भाजपा के सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में नरेला विधानसभा क्षेत्र में वृद्धजनों का विशेष सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस अवसर पर कहा कि स्व. श्री कैलाश नारायण सारंग और स्व. श्रीमती प्रसून सारंग का जीवन जनसेवा के प्रति समर्पित था। उनके आदर्शों को याद करते हुए प्रत्येक वर्ष इस दिन को ‘मातृ- पितृ भक्ति दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया है, ताकि समाज में बुजुर्गों का सम्मान और उनका आदर्श स्थापित हो सके। उन्होंने कहा, स्व. कैलाश सारंग का यह सपना था कि हर माता-पिता का सम्मान किया जाए। यही भारतीय संस्कृति की बुनियाद है। इस दिन का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर और मूल्य को आगे बढ़ाते हुए, माता-पिता और बुजुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस कार्यक्रम में बुजुर्गों के पैर पखार कर, उनकी आरती उतारी और शॉल व श्रीफल भेंटकर उनका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और श्रवण कुमार ने समाज को मातृ-पितृ भक्ति का उच्चतम उदाहरण दिया है। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि बुजुर्गों की सेवा करना सबसे बड़ी पूजा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, मंत्री सारंग ने क्षेत्र के 70+ आयु वर्ग के नागरिकों के लिए विशेष ‘आयुष्मान भारत’ कैंप लगवाए और उन्हें नि:शुल्क आयुष्मान कार्ड वितरित किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस योजना के तहत अब 70 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है, ताकि कोई भी बुजुर्ग बिना इलाज के न रहे। कार्यक्रम के दौरान नरेला विधानसभा के विभिन्न वार्डों में हजारों की संख्या में बुजुर्गों का सम्मान किया गया। मंत्री सारंग ने वृद्धजनों को शॉल, श्रीफल, तुलसी के पौधे, और स्मृति चिन्ह भेंट किए। उन्होंने कहा, ‘आज की युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के सम्मान की भावना को जीवित रखना चाहिए, ताकि समाज में एक सकारात्मक बदलाव आए।’ राष्ट्रीय हिन्दी मेल की पड़ताल में यह सामने आया कि मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आह्वान पर नरेला विधानसभा क्षेत्र में युवाओं ने अपने-अपने माता-पिता के पैर पखारकर और उन्हें सम्मानित करके ‘मातृ-पितृ भक्ति दिवस’ को जन अभियान बनाने की पहल की। यह पहल अब न केवल नरेला विधानसभा, बल्कि पूरे क्षेत्र में मातृ-पितृ सम्मान का प्रतीक बन चुकी है। मंत्री सारंग ने कहा, युवाओं का इस अभियान में उत्साह इस बात का संकेत है कि यह पहल जल्द ही एक जन आंदोलन का रूप लेगी। स्व. श्री कैलाश सारंग की पुण्यतिथि पर न केवल भोपाल, बल्कि देशभर के विभिन्न स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और कायस्थ समाज ने बुजुर्गों का सम्मान किया। दिल्ली, पटना, रायपुर, ग्वालियर, विदिशा, गुना, जबलपुर, सीहोर, और अन्य शहरों में विभिन्न सेवा कार्य किए गए, जैसे भोजन पैकेट, राशन, फल, शीतलपेय, कंबल वितरण और वृद्धजनों का सम्मान। यह पहल ‘मातृ-पितृ भक्ति दिवस’ को राष्ट्रीय स्तर पर एक आंदोलन के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य रखती है। बता दें कि नरेला विधानसभा के हर घर में बच्चों ने अपने माता-पिता का सम्मान किया और यह देख बुजुर्गों की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने मंत्री विश्वास कैलाश सारंग को आशीर्वाद देते हुए कहा कि अब हर बुजुर्ग को सम्मान मिलेगा और कोई भी वृद्धाश्रम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह पहल न केवल बुजुर्गों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है। इस खास-खबर का लब्बोलुआब यह है कि स्व. श्री कैलाश सारंग की पुण्यतिथि पर आयोजित ‘मातृ-पितृ भक्ति दिवस’ ने न केवल बुजुर्गों का सम्मान किया, बल्कि यह समाज में वृद्धों के प्रति सम्मान और उनकी सेवा के प्रति जागरूकता फैलाने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की पहल से न केवल नरेला विधानसभा, बल्कि पूरे देश में एक नई सोच और संस्कारों का प्रचार हुआ है, जिसमें बुजुर्गों को सम्मान देने की परंपरा को फिर से जीवित किया गया है।