ग्वालियर शहर गौरवशाली शहर है डॉ. मोहन यादव
ग्वालियर। ग्वालियर शहर की अंगूठी पहचान है। यहां एक बार व्यक्ति दोस्ती कर ले तो जीवन भर के लिए करता है और दुश्मनी कर ले तो वह भी जीवन भर के लिए रहती है। आज ग्वालियर में अंगूठे संग्रहालय का उद्घाटन हुआ है। ग्वालियर का गौरवशाली इतिहास रहा है।यह बात रविवार को जेयू के अटल सभागार में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की उत्पत्ति पृथ्वी से ही हुई है। भूगर्भीय संग्रहालय में आपको पृथ्वी चंद्रमा के बारे में जानकारी मिलेगी। ग्वालियर के अंदर मध्यप्रदेश के अंदर सबसे बड़ी सौगात केन बेतवा लिंक के लिए सौगात दी। आपकी पीढ़ी नई इमारते लिखेगी। नई शिक्षा नीति से नई जानकारी मिलती रहे इसलिए युवा संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर,कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट,सांसद भारत सिंह कुशवाह,राज्य मंत्री राकेश शुक्ला, जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, नगर निगम सभापति मनोज तोमर,कौशल शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान 1202 करोड़ के विकास कार्यों का भूमि पूजन व लोकार्पण किया गया। साढ़े 400 करोड रुपए चंबल नदी के प्रोजेक्ट के लिए दिया गया है। साथ ही नगर निगम के सेवा मित्र एप का उद्घाटन किया गया। इसी के साथ ही हरिशरण गोस्वामी को 21 लाख 60 हजार, प्रेम सिंह कुशवाहा को 50000, ममता को एक करोड़ का चेक ने स्टार्ट अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया गया।इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरे सामने ग्वालियर नहीं, मध्य प्रदेश नहीं, देश का भविष्य बैठा है। मुख्यमंत्री ने उद्योगों छात्रों के लिए एंटरप्रेन्योरशिप दिए। हमारे मुख्यमंत्री के समय में हमारा युवा नई ऊंचाइयों को छुएगा।विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। इस अवसर पर युवा संवाद कार्यक्रम रखा गया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री उपस्थित हुए हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं। कोई भी संस्था हो, कोई भी क्षेत्र हो, कोई भी राज्य हो उसका भविष्य छात्र ही होते हैं। वह आज उपस्थित हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि आज ही के 100 वर्ष बाद आप सभी विद्यार्थी विकसित भारत के साक्षी बनेंगे। भारत विकसित भारत के रूप में 2047 में तब्दील होगा। विकसित भारत में आप सभी का ज्यादा से ज्यादा योगदान कैसे हो सकता है। इसी पर हम सबको कार्य करना चाहिए।जब जब युवा तरूणाई ने करवट ली है तब तब परिवर्तन हुआ है। चाहे विवेकानंद जी ने देश को जगाया हो, चाहे शंकर जी ने उनकी आयु बहुत कम थी। इसलिए युवा ही हमेशा परिवर्तन लाया है। आज हम सब विकसित भारत के मार्ग पर कार्य कर रहे हैं।अंत में आभार जेयू के कुलसचिव अरूण सिंह चौहान ने व्यक्त किया।