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दिमाक की शांति, ओवरथिंकिंग रोकने के लिये वर्कशाॅप शुरू

ग्वालियर 18 जनवरी । श्रीमती नीतू गुप्ता द पावर ऑफ मेंटल थॉट क्लेरिटी हीलिंग सेशन, कई टूल्स के माध्यम से विदाउट मेडिसिन ओवरथिंकिंग को रोके जाने का तरीका इस सेशन के माध्यम से आपको बताया जाएगा। प्रत्येक रविवार 2 घण्टे क्लासेस के माध्यम से दिमाक को रिलेक्स किया जाता है जिसमें प्रमुख रूप से रियल टॉक हैप्पीनेस ऑलवेज, द पावर का मेंटल थॉट, क्लेरिटी हीलिंग सेशन, सेल्फ  एण्ड माइंड, हीलिंग वर्कशॉप आदि के माध्यम से ओवरथिंकिंग को रोका जाता है।

एक शोध से पता चलता है कि 25 से 35 साल के 73 प्रतिशत लोग लंबे समय से ज्यादा सोचते हैं  साथ ही 45 से 55 साल के 52 प्रतिशत लोग भी इसमें शामिल हैं। यानि दुनिया की एक अच्छी खासी आबादी ओवरथिंकिंग से जूझ रही है। हालांकि यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से आपको मानसिक और शारीरिक स्तर पर कई दिक्कतें हो सकती हैं। लगातार जरूरत से ज्यादा सोचने की वजह से बढ़ी हुई चिंता, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अनिद्रा और यहां तक कि शारीरिक लक्षण जैसे सिरदर्द और मांसपेशियों में तनाव भी होता है। आपने स्वयं भी ओवरथिंकिंग को महसूस किया होगा। कई लोग यह सोचते हैं कि ओवरथिंकिंग की वजह से उनके दिमाग की एक्सरसाइज होती है या वे ज्यादा गहराई से सोच पाते हैं लेकिन दरअसल कई शोधकार मानते हैं कि ओवरथिंकिंग करने वाले व्यक्ति सिर्फ अपना समय सोचने में ही खपा देते हैं वे वाकई कुछ करते नहीं हैं  बल्कि किसी भी परिस्थिति को बार बार सोचकर राई का पहाड़ बना देते हैं। ऐसे में हर तरह से इससे बचने के उपाय करने चाहिए।

योर मांइड यूजिंग लाइफ कोचिंग की ट्रेनर नीतू गुप्ता ने बताया कि यदि आप डेली रूटीन वर्क से थक गये हैं आपको समझ नहीं आ रहा लाइफ में चल क्या रहा है? तो 2 धंटे के सेशन में अपने आप को रिलैक्स फील करें ! यह वर्कशॉप प्रत्येक रविवार दोपहर 2 से 4 बजे निश्चित स्थान पर किया जाता है जिसकी सूचना पूर्व सेमीनार में ही दे दी जाती है। अभी दो सेमीनार न्यू परिवार हाॅस्पीटल में संचालित किये गये थे। इस सेमीनार में प्रमुख रूप समाजसेवी राइटर कृष्णकांत तिवारी, योग शिक्षक व माइन्ड मेन्टर मोन्टू गोस्वामी, श्याम अग्रवाल, नेमीचंद झा, अनिल चतुर्वेदी, पारुल मॉडवेल, डॉ नम्रता, तृप्ति भार्गव, डाइटीशियन साधना राठौर, तथा परिवार हाॅस्पीटल डाॅक्टर्स व नर्सिग स्टाफ प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

वक्ता के तौर पर मौजूद लेखक समाजसेवी कृष्णकान्त तिवारी ने अपने विचार सांझा करते हुये बताया कि ज्यादा सोचने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए, ज्यादा सोचने से कौनसी बीमारी होती है, क्या ओवरथिंकिंग को रोका जा सकता है। अब खुद से ही पूछें कि उन विचारों का क्या औचित्य है क्या ये आपकी सिर्फ ख्याली पुलाव हैं इन सब बातों का समाधान ट्रेनर श्रीमती नीतू गुप्ता के द्वारा लगातार सेमीनार के माध्यम से निकाला जा रहा है जिसके लिये उनकी जितनी भी सराहना की जाये कम है। इसके साथ ही मेरा पूरे शहर के लोगों से आवाहन है कि अगर उन्हें या उनके जानने वाले किसी भी व्यक्ति व सदस्य को ओवरथिंकिंग या डिप्रेशन से संबंधित समस्या है तो वे जरूर सेमीनार में आये क्योंकि आपका एक कदम आपकी जीवन की नई शुरूआत करा सकता है।

योर मांइड यूजिंग लाइफ सेमीनार में शुरूआत सेमीनार में स्वयं का ध्यान एकाग्र करना, विचारों को रोकना व अनेक ऐसे अनेक तरीके ट्रेनर नीतू गुप्ता द्वारा बतायेे गये जिनके माध्यम से दिमाक का शांत किया जा सकता है इसके साथ ही योग शिक्षक मोन्टू गोस्वामी के माध्यम से भी मोटीवेशनल कहानी के माध्यम से लोगों का मानसिक समस्याओं के निदान के बारे में बताया गया।

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