Wed. Mar 12th, 2025

सौरभ की डायरी में लिखे कोडवर्ड समझने में लगी जाँच एजेंसी -हजारो करोड़ का हिसाब

भोपाल। काली कमाई के मामले में गिरफ्तार मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके करीबी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से पिछले तीन दिन में लोकायुक्त पुलिस 15 घंटे से अधिक पूछताछ कर चुकी है।सौरभ से पूछताछ में पता चला है कि उसने काली कमाई को ठिकाने के लिए कई बेनामी कंपनियां बनाई थीं। यह कंपनियां चेतन, शरद और सौरभ के रिश्तेदारों के नाम हैं। अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी में बड़ा निवेश पाया गया है। कंपनी के नाम से 20 हजार वर्ग फीट तक प्लाट खरीदे गए थे।सूत्रों के अनुसार सौरभ की डायरी में लिखे कोडवर्ड समझने में लगी हैं  जाँच एजेंसी -हजारो करोड़ का हिसाब -किताब बताया जा रहा है| डायरी में लिखे कोडवर्ड को लेकर भी पूंछताछ हो रही है .जाँच में कुछ राजनेताओं और अफसरों से हो सकती है पूंछताछ ,इस कारण यह सब अब परेशान हैं | जाँच एजेंसियां हर एंगल पर गहराई से पड़ताल कर रही हैं |

आठ कंपनियों की जानकारी मिली
सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में अभी तक लगभग आठ कंपनियों की जानकारी मिली है। कुछ में सौरभ का ममेरा साला रोहित तिवारी भी डायरेक्टर है। सौरभ से पूछताछ में जैसे-जैसे राज खुल रहे हैं, उन नेताओं और अधिकारियों की धड़कनें बढ़ रही हैं, जिन्होंने सौरभ आगे बढ़ाया।

तीनों से एक साथ होगी पूछताछ
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों का कहना है कि सौरभ अभी तो रटी हुई बातें बोल रहा हैं, तीनों को एक साथ बैठाकर पूछताछ की जाएगी। इसमें उनसे जुड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आने की आशंका है। लोकायुक्त पुलिस के अतिरिक्त नेताओं और अधिकारियों को डर ईडी व आयकर विभाग की पूछताछ से है।बता दें कि लोकायुक्त पुलिस ने 18 दिसंबर को सौरभ और चेतन के भोपाल स्थित घर पर छापा मारा था। इसके बाद आयकर विभाग व ईडी ने भी छापेमारी की। तीनों एजेंसियों को मिलाकर सौरभ और करीबियों की 93 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला था।अब तक पूछताछ में कई राज खुले
सौरभ ने शेयर बाजार में बड़ी राशि निवेश की है। पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है, किसके नाम से किस कंपनी के कितने शेयर खरीदे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *