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प्रेम, क्षमा और बलिदान का पर्व, जानिए दुनियाभर में कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे

आज गुड फ्राइडे है। ये ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है जो प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर बलिदान को स्मरण करते हुए मनाया जाता है। ये दिन ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को ‘पवित्र शुक्रवार या ‘महान शुक्रवार’ भी कहा जाता है।

गुड फ्राइडे का उद्देश्य यीशु मसीह के बलिदान को याद करना है, जिन्हें ईसाई धर्म में मानवता के उद्धारकर्ता के रूप में माना जाता है। यह ईसाई कैलेंडर में सबसे शोकपूर्ण दिनों में से एक है क्योंकि इस दिन यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था

गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है

गुड फ्राइडे वह दिन है जब ईसाई मान्यता के अनुसार यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। बाइबल के अनुसार, यीशु ने मानव जाति के पापों का प्रायश्चित करने के लिए अपने प्राण दिए। उन्हें यहूदी धार्मिक नेताओं द्वारा ईशनिंदा का दोषी ठहराया गया और रोमन साम्राज्य के शासक द्वारा क्रूस पर चढ़ा दिया गया।

इस बलिदान को ईसाई धर्म में उद्धार (salvation) की नींव माना जाता है। इसे ‘गुड’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन के माध्यम से मानवता को पापों से मुक्ति मिली और ईश्वर से दुबारा संबंध स्थापित की राह मिली। उनकी मृत्यु को ईसाई मान्यता में मानवता के पापों के प्रायश्चित के रूप में देखा जाता है। यह बलिदान ईसाई धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक है जो सिखाता है कि यीशु ने अपनी मृत्यु के माध्यम से मानवता को अनंत जीवन का मार्ग प्रदान किया। गुड फ्राइडे का महत्व इस विश्वास में निहित है कि यीशु की मृत्यु के बाद तीसरे दिन उनका पुनरुत्थान हुआ, जिसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

दुनियाभर में कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे

इस दिन वेटिकन सिटी पोप स्वयं  गुड फ्राइडे की प्रार्थना और Way of the Cross का नेतृत्व करते हैं, जो विश्वभर के ईसाइयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। गुड फ्राइडे को दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन इसका मूल भाव शोक, प्रार्थना और आत्मचिंतन में होता है। कुछ प्रमुख परंपराएं इस तरह हैं:

चर्च में प्रार्थना और सेवा: ईसाई चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं और पूजा-अर्चना आयोजित की जाती हैं। कई चर्चों में “स्टेशन्स ऑफ द क्रॉस” (Stations of the Cross) का आयोजन होता है, जिसमें यीशु के क्रूस पर चढ़ने की यात्रा को चित्रों या मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया जाता है। कुछ समुदायों में “थ्री आवर सर्विस” (Three Hour Service) होती है, जो दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चलती है, क्योंकि बाइबिल के अनुसार यीशु इसी समय क्रूस पर थे।

उपवास और संयम: कई ईसाई इस दिन उपवास रखते हैं, जो यीशु के बलिदान के प्रति सम्मान और आत्म-संयम का प्रतीक है। कुछ देशों में, जैसे फिलीपींस और मेक्सिको में कई लोग कठोर तपस्या करते हैं, जिसमें आत्म-प्रकटीकरण या प्रतीकात्मक रूप से क्रूस को ढोना शामिल हो सकता है।

जुलूस और नाट्य प्रदर्शन: कई स्थानों पर जैसे कि स्पेन, इटली और लैटिन अमेरिकी देशों में गुड फ्राइडे पर विशाल जुलूस निकाले जाते हैं। इनमें यीशु और माता मरियम की मूर्तियों को सजाकर ले जाया जाता है। कुछ स्थानों पर “पैशन प्ले” (Passion Play) का आयोजन होता है, जिसमें यीशु के जीवन, कष्ट और मृत्यु को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

शांति और मौन: कई देशों में गुड फ्राइडे पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है और लोग इस दिन पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रार्थना और चिंतन में समय बिताते हैं। कुछ स्थानों पर, जैसे जर्मनी और आयरलैंड में इस दिन नृत्य या उत्सव जैसे आयोजनों पर प्रतिबंध होता है।

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