Sat. Apr 26th, 2025

राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को जल्द मिलेगा तोहफा! 5% बढ़ेगा महंगाई भत्ता, CM की हरी झंडी का इंतजार, जानें DA Hike पर अपडेट

केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत में 2% की वृद्धि कर दी है, जिसके बाद जनवरी 2025 से डीए 53% से बढ़कर 55% हो गया है।केन्द्र के ऐलान के बाद अब राज्य सरकारों ने भी डीए बढ़ाना शुरू कर दिया है।

अबतक राजस्थान, ओडिशा, असम, यूपी, गुजरात और हरियाणा सरकार ने डीए बढ़ा दिया है लेकिन मध्य प्रदेश के साढ़े सात लाख अधिकारियों कर्मचारियों को अब भी महंगाई भत्ता वृद्धि का इंतजार है। संभावना है कि प्रदेश की मोहन यादव सरकार जल्द अधिकारियों-कर्मचारियों का 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है।

वर्तमान में राज्य कर्मियों को मिल रहा 50% डीए, केन्द्र से 5% पीछे

  • दरअसल, वर्तमान में प्रदेश के 7.50 लाख सरकारी कर्मचारियों को जनवरी 2025 से 50% डीए का लाभ मिल रहा है, जबकी केन्द्रीय कर्मचारियों को जनवरी 2025 से 55% डीए हो गया, ऐसे में डीए में 5% का अंतर आ गया है, जिसके चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी है।
  • कर्मचारी संगठन अब एमपी सरकार से जल्द घोषणा की मांग कर रहे हैं, ताकि यह अंतर कम हो सके।इधर, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का महंगाई भत्ता एक जनवरी 2025 से 53 से बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया गया है। जनवरी, फरवरी और मार्च का एरियर अप्रैल के वेतन में दिया जाएगा।इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए है।

एमपी कर्मचारियों का जल्द बढ़ेगा 5% डीए! वित्त विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव

पिछली बार मोहन सरकार ने नवंबर में 4% महंगाई भत्ता बढ़ाया था, जिसके बाद डीए 46% से बढ़कर 50% हो गया है। नई दरें जनवरी 2024 से लागू की गई है।अभी जुलाई 2024 और जनवरी 2025 की डीए की किस्तें बाकी है। सूत्रों की मानें तो वित्त विभाग ने 5 फीसदी महंगाई भत्ता वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की हरी झंडी मिलते ही इसे कैबिनेट में लाया जा सकता है और फिर आदेश जारी किए जाएंगे । चुंकी बजट में 64% महंगाई भत्ते के हिसाब से विभागों के स्थापना व्यय में प्रविधान करके रखा गया है।

केन्द्र सरकार द्वारा साल में 2 बार बढ़ाया जाता है DA

केंद्र सरकार द्वारा हर साल 2 बार केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों में संशोधन किया जाता है, जो अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इंडेक्स के छमाही आंकड़ों पर निर्भर करता है। यह वृद्धि हर साल जनवरी/जुलाई से की जाती है, जिसका ऐलान मार्च और अक्टूबर के आसपास होता है।इसके बाद राज्य सरकार द्वारा ऐलान किया जाता है।

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