भारत-पाक संघर्ष का हीरो बना आकाशतीर डिफेंस सिस्टम इसे स्वदेशी आयरन डोम कहा जा रहा, मिसाइल और ड्रोन को कुछ सेकेंड में मार गिराने में सक्षम
प्रधानमंत्री मोदी कल (13 मई) पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर थे। यहां उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने हमारे मिलिट्री बेस और नागरिकों को ड्रोन, UAV, मिलिट्री एयरक्राफ्ट और मिसाइल से टारगेट किया, लेकिन ये सभी हमारे एयर डिफेंस सिस्टम के सामने नाकाम रहे।’
मोदी जिस एयर डिफेंस सिस्टम की तारीफ कर रहे थे वह कोई और नहीं भारत का अपना आकाशतीर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम है। इसकी मदद से पाकिस्तान की ओर से आ रहे सैकड़ों ड्रोन, मिसाइल और रॉकेट को हवा में ही मार गिराया। इस डिफेंस सिस्टम की प्रेस ब्रीफिंग में भी चर्चा की गई।
आकाशतीर के इस कारनामे की चर्चा पूरी दुनिया में है और इसे भारत का आयरन डोम कहा जा रहा है। इस स्टोरी में बात भारत के इंटिग्रेटेड और फास्ट एयर डिफेंस सिस्टम आकाशतीर की…
1. आकाशतीर सिस्टम क्या है?
आकाशतीर एक स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-पावर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे भारतीय सेना के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO), इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने संयुक्त रूप से डिजाइन और डेवलप किया है।
इसका काम लो-लेवल एयरस्पेस की निगरानी करना और ग्राउंड पर तैनात एयर डिफेंस वेपन सिस्टम को कंट्रोल करना है। आकाशतीर रडार, सेंसर और कम्युनिकेशन सिस्टम को इंटिग्रेट करके सिंगल नेटवर्क बनाता है, जो रियल टाइम में हवाई खतरों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें न्यूट्रिलाइज करने में सक्षम है।
2. आकाशतीर काम कैसे करता है?
रियल-टाइम थ्रेट असेसमेंट: आकाशतीर सिस्टम रडार स्टेशन, मिसाइल यूनिट्स और एयर सेंसर जैसे अलग-अलग सोर्स से रियल टाइम डेटा लेता है और उन्हें सिंगल लाइव एयर सिचुएशन पिक्चर में बदल देता है। कुछ ही सेकेंड में डिफेंस यूनिट के पास दुश्मन की ओर से आ रहे खतरे की क्लियर इमेज होती है। फिर इसे वपन सिस्टम हवा में ही मार गिराता है।
इंटर-ऑपरेटबिलिटी: इंटर ऑपरेबिलिटी का मतलब है- एक ही समय में अलग-अलग मशीनों के साथ काम करना। आकाशतीर एक ही समय में, सरफेस-टू-एयर मिसाइल, स्पाइडर सिस्टम और स्वदेशी रडार नेटवर्क जैसे रोहिणी और अरुध्रा के साथ आसानी से कनेक्ट हो जाता है। ये सभी यूनिट्स एक साथ डेटा कलेक्ट कर टारगेट की जानकारी मिसाइल सिस्टम या इंटरसेप्ट यूनिट को देते हैं।
3. भारत ने 15 साल लगाकर इसे क्यों डेवलप किया?
भविष्य के युद्धों के लिए विशेष रूप से डेवलप: कमांड सिस्टम में AI की मदद से आकाशतीर भविष्य के खतरे का एनालिसिस, दुश्मन के टारगेट का रूट मैपिंग और उसके मुताबिक ऑटोमेटिक हथियार का चयन पहले ही कर लेता है।
दो मोर्चों पर युद्ध में फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस: एक साथ दो मोर्चों पर युद्ध की स्थिति में आकाशतीर अलग-अलग क्षेत्रों में लगे एयर डिफेंस रिस्पॉन्स टीम के बीच कोऑर्डिनेट करने में सक्षम है। यह नेत्रा और फाल्कन जैसी हवाई वॉर्निंग सिस्टम के साथ ग्राउंड बेस्ड मिसाइल यूनिट्स को जोड़ता है।
सेकंड में भारत की “किल चेन” को मजबूत करना: आकाशतीर जिस गति से थ्रेट को समझ सकता है, प्रोसेस कर सकता है और रिस्पॉन्ड कर सकता है, वह भारत की “किल चेन” के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसका ऑटोमेशन प्रोसेसिंग टाइम को काफी कम कर देता है। इससे एयरस्पेस में डोमिनेंस और लेयर्ड डिफेंस मिलता है।
4. आकाशतीर और आयरन डोम कैसे अलग है?
आकाशतीर और आयरन डोम एयर डिफेंस में अलग-अलग भूमिका निभाते हैं। जिसमें अलग-अलग फंक्शन, ओरिजिन और ऑपरेशनल फोकस हैं। चूंकि इन दोनों का काम टारगेट को ट्रैक करना और उसके मुताबिक रिएक्ट करना है। इसलिए तेज रिस्पॉन्स के लिहाज से दोनों एक जैसे लगते हैं…
आकाशतीर का फोकस एरिया एक कंट्रोलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम है। इसमें डायरेक्ट कोई वेपन सिस्टम शामिल नहीं होता है। यह मिसाइल या बंदूक जैसी एयर डिफेंस एसेट्स को मैनेज और कंट्रोल करता है। लेकिन सीधे टारगेट पर हमला नहीं करता है।
आयरन डोम का फोकस एरिया यह एक कायनेटिक इंटरसेप्शन सिस्टम है। जो सिविलियन और मिलिट्री क्षेत्रों को आसमान से आ रहे खतरों से बचाने के लिए डायरेक्ट वेपन सिस्टम का इस्तेमाल करता है। यह एक कमांड सिस्टम नहीं बल्कि एक अटैक सिस्टम है।