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भारत में 24 घंटों में 1,26,789 नए केस, 685 मौत, न्यूजीलैंड में भारत से आने वालों की नो-एंट्री

दिल्ली । भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए न्यूजीलैंड ने बड़ा फैसला लिया है। अब भारत से आने वाले किसी भी यात्री को न्यूजलैंड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को यह फैसला लिया। हालांकि अभी यह रोक अस्थायी है। इनमें भारत से आने वाले न्यूजीलैंड के नागरिक भी शामिल हैं। अभी यह पाबंदी 11 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक रहेगी, जिसके बाद हालात का जायजा लिया जाएगा। बता दें, न्यूजीलैंड दुनिया के इन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जहां कोरोना को काबू कर लिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2020 में कोरोना के संक्रमण की शुरुआत से अब तक न्यूजीलैंड में कोरोना के सिर्फ 2507 मामले दर्ज हुए हैं और कुल 26 मरीजों की मौत हुई है। करीब 50 लाख की आबादी वाले इस देश के लिए ये आंकड़ा बड़ी उपलब्धि है।

इस बीच, भारत में कोरोना के केस रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बीते 24 घंटों में कोरोना के 1,26,789 नए केस आए हैं। इस दौरान 685 मरीजों की मौत हुई है। 59,258 मरीज कोरोना को मात देकर घरों को लौटे हैं। अब तक देश में कोरोना के कुल मरीजों का आंकड़ा 1,29,28,574 पहुंच गया है। कुल 9,10,319 एक्टिव केस है यानी इतने मरीजों का इलाज देश के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। अब तक 1,66,862 लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं।

कोरोना के बढ़ रहे मामलों ने बढ़ाई रेलवे की चिंता

इस बीच, भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे रेलवे की चिंता बढ़ गई है। रेलवे स्टेशनों, कार्यालयों व ट्रेनों में विशेष जागरूकता अभियान शुरू करने के साथ ही रेलवे ने कई एहतियाती कदम उठाए हैं। यात्रियों की परेशानी को दूर करने के लिए कई विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। वहीं, नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को लेकर स्थिति उलट है। यात्रियों की संख्या कम होने के कारण इसे नौ अप्रैल से अगले आदेश तक निरस्त कर दिया गया है।

मालूम हो कि महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के कुछ शहरों में फिर से लाकडाउन लगाने की नौबत आ गई है। दिल्ली में भी रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ी है। दूसरी ओर यात्रियों की परेशानी दूर करने के लिए विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ ही कई लोकल ट्रेनें भी चलने लगी हैं। कोरोना काल से पहले चलने वाली ट्रेनों में से 90 फीसद को दस अप्रैल तक पटरी पर लाने की तैयारी है। इस वजह से रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ने लगी है। रेलवे कार्यालयों में भी अब पूरी क्षमता के साथ कर्मचारियों को काम पर बुलाया जा रहा है। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। पिछले दिनों दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक सहित कई लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।

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