Fri. Nov 1st, 2024

मणिपाल हॉस्पिटल नई दिल्ली, भोपाल में अपनी तरह का पहला कार्डियोई-ओपीडी आयोजित करेगी

भोपाल: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों सहित भोपाल क्षेत्र में दिल की बीमारियों जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के काफ़ी मामले सामने आ रहे हैं। क्षेत्र में बढ़ते एनसीडी के मामलों के मद्देनजर, नई दिल्ली स्थित मणिपाल हॉस्पिटल्स ने भोपाल के लोगों को रोकथाम, निदान और अब उपलब्ध विश्व स्तरीय सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए कमर कस ली है। मणिपाल हॉस्पिटल्स शनिवार (27 जून को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक) एक कार्डियो ईओपीडी/टेलीपरामर्श का आयोजन करेगा। यह सेवा अक्षय हॉस्पिटल, ऋषि नगर के सहयोग से आयोजित की जाएगी।

क्षेत्र में हार्ट फेल होने जैसे जानलेवा हृदय रोगों के बढ़ते मामलों की वजह से, मणिपाल हॉस्पिटल शहर में नियमित मासिक ओपीडी आयोजित करने के लिए प्रेरित हआ है, जिसमें कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण देरी होती आई है। इस बीच, मणिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने ई-ओपीडी सुविधा शुरू की है जो लाभप्रद है और इससे इस क्षेत्र के रोगियों को विशेषज्ञों की राय लेने में मदद मिलेगी और वे आगे के निदान और उपचार की योजना बना सकते हैं। यह सेवा का उद्देश्य हार्ट फेल और अन्य आधुनिक सर्जरी की उपलब्धता के बारे में जागरूकता पैदा करना है

भोपाल में ई-ओपीडी के शुभारंभ की घोषणा करते हए, मणिपाल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में नैदानिक सेवाओं के प्रमुख, कार्डिएक साइंसेज के प्रमुख और मुख्य कार्डियो-वैस्कुलर सर्जन, डॉ. वाई.के. मिश्रा ने कहा कि हार्ट फेल होने की बढ़ती घटनाएं बड़ी चिंता का विषय हैं। हम ई-ओपीडी का आयोजन भोपाल के लोगों को जागरूक करने के लिए भी कर रहे हैं, जो तंबाकू, धूम्रपान, मोटापा, डायबिटीज और हाइपरटेंशन की वजह से हृदय रोगों जैसे गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) का सामना कर रहे हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, हृदय रोगों और आधुनिक इलाज की उपलब्धता के बारे में जागरूकता पैदा करना समय की मांग है। मणिपाल हॉस्पिटल्स, जिसमें हृदय रोगों के लिए उच्च गुणवत्ता, अत्याधुनिक और रोगी-केंद्रित सुविधाओं वाला उत्कृष्टता केंद्र है, वह बेहतर इलाज की ज़रूरत वाले गंभीर हृदय समस्याओं के रोगियों को अत्याधुनिक उपचार प्रदान करेगा। ई-ओपीडी से इस क्षेत्र के दिल की बीमारी के रोगियों को विशेषज्ञों से परामर्श करने में मदद मिलेगी और इस प्रकार वे आगे का निदान और इलाज कर पाएंगे

डॉ. मिश्रा ने कहा, “हार्ट फेल होने सहित हदय रोग भारत में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों में से एक है और देश में होने वाली कुल मौतों में कई इसकी वजह से होती हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ बदलती जीवनशैली, भोजन की आदतों, शहरी क्षेत्रों में उच्च तनाव, बहुत ज़्यादा शराब पीने और नशीले पदार्थों के उपयोग को इसकी बड़ी वजह मानते हैं, साथ ही साथ युवाओं में हार्ट फेल होने का जोखिम भी बढ़ा है। हार्ट फेल होने की बढ़ती घटनाएं बड़ी चिंता का विषय है। हार्ट फेल होने का मतलब है कि दिल अपनी क्षमता अनुसार पर्याप्त खून पंप नहीं कर पा रहा है। इसमें बांई तरफ़ या दांई तरफ़ का दिल हो सकता है या फ़िर दोनों तरफ़ का।”

विशेषज्ञ के अनुसार, हार्ट फेल होने के सबसे महत्वपूर्ण कारण लंबे समय तक रहने वाला इस्केमिक हार्ट डिजीज़, वाल्वुलर हार्ट डिजीज़, डायबिटीज मेलिटस और हाइपरटेंशन है

डॉ. मिश्रा ने कहा, “हार्ट फेल होने की समस्या बढ़ जाने पर औषधीय उपचार शायद काम न कर पाए और अंततः रोगी को हार्ट फेलर का इलाज कराने के लिए हार्ट ट्रांसप्लांट या लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (LVAD) और टोटल आर्टिफिशियल हार्ट (TAH) जैसा सर्जिकल इलाज कराना पड़ सकता है।”

मणिपाल हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली को हाल ही में हार्ट ट्रांसप्लांट का लाइसेंस मिला है। इसमें यह इलाज करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं

डॉ. मिश्रा ने बताया, “जब दवा काम नहीं आती है, तो हम गंभीर हार्ट फेल से ग्रस्त मरीज़ों को हार्ट ट्रांसप्लांट कराने की सलाह देते हैं, अगर उन्हें ट्रांसप्लांट के लिए कोई अन्य समस्या न हो जैसे कि इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज्ड स्थिति, गंभीर संक्रमण, और फेफड़े की गंभीर बीमारी। हार्ट ट्रांसप्लांट में, यह ब्रेन डेड व्यक्ति का दिल लेते हैं। इसके बाद उस दिल का मरीज़ के बीमार दिल की जगह ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। सर्जरी के बाद, ज़्यादातर मरीज़ों को आमतौर पर 4-5 दिनों के बाद शिफ्ट कर दिया जाता है और 10-15 दिनों में उन्हें छुट्टी दे दी जाती है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती डोनर की उपलब्धता है।”

विशेषज्ञों ने लोगों को दिल की समस्याओं से बचने के लिए जीवन शैली सुधारने और आहार और व्यायाम पर ध्यान देने की सिफारिश की है। चिकित्सकीय रूप से, चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के साथ, उन्नत ट्रांसप्लांट और उपकरण जानलेवा हार्ट फेलर से पीड़ित लोगों के लिए वरदान की तरह आए हैं।

वर्तमान में, भोपाल में उन्नत और प्रभावी इलाज वाली हृदय संबंधी सेवाओं के लिए पर्याप्त उन्नत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। दिल की बीमारियों के बढ़ते मामले बताते हैं कि इस क्षेत्र में उपचार और देखभाल के लिए विशेष रूप से ध्यान देने और उन्नत सुविधाओं की ज़रूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *