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वरिष्ठ आईपीएस रश्मि शुक्ला ने खटखटाया हैदराबाद हाईकोर्ट का दरवाजा, कहा- मुंबई पुलिस द्वारा भेजे हुए समन अवैध हैं

मुंबई पुलिस की सायबर यूनिट महाराष्ट्र में होने वाले ट्रांफर्स के संदर्भ में हुई फ़ोन टैपिंग और गोपनीय जानकारी लीक होने के मामले को लेकर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के मुताबिक पूरे मामले की जांच कर रही है.

इसी संदर्भ में साइबर सेल ने दो बार आईपीएस अधिकारी और उस समय एस आईडी की चीफ रही रश्मि शुक्ला को समन भेजकर पूछताछ के लिए मौजूद रहने का आग्रह किया था. रश्मि शुक्ला ने इन समन को लेकर अब हैदराबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शुक्ला ने अपने एप्लिकेशन में मुंबई पुलिस द्वारा भेजे गए समन को अवैध और मनमाना बताया.

जांच अधिकारी ने उन्हें परेशान कर रहे हैं- पिटीशन

अपने पिटीशन में शुक्ला ने कोर्ट को इस मामले के जांच अधिकारी एसीपी नितिन जाधव को सौंप ने की मांग की है. साथ ही उन्हें मानसिक तौर से परेशान ना करने के लिए डाइरेक्शन देने की मांग की है. इसमे कहा कि जांच अधिकारी ने उन्हें परेशान कर रहे हैं.

शुक्ला फिलहाल हैदराबाद में सीआरपीएफ में एडीजी के पद पर तैनात हैं और इसी वजह से उन्होंने हैदराबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 29 अप्रैल को दायर की गई रिट याचिका में समन को स्थगित करने की मांग की गई थी. इस याचिका में रिस्पोंडेंट के तौर पर 6 लोगों को शामिल किया गया है जिसमें यूनियन ऑफ इंडिया (डीजी सीआरपीएफ), महाराष्ट्र राज्य (चीफ सेक्रेटरी), महाराष्ट्र सरकार (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गृहविभाग) , डायरेक्टर जनरल ऑफ महाराष्ट्र पुलिस, मुंबई पुलिस कमिश्नर और एसीपी साइबर क्राइम जो मामले की जांच कर रहे हैं.

अज्ञात लोगों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था

मुंबई पुलिस की एक टीम ने पिछले सोमवार को हैदराबाद में शुक्ला को समन जारी किया और उन्हें बुधवार 11 बजे इस मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा था. राज्य के खुफिया विभाग (SID) के प्रमुख के तौर पर उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट और फोन टैपिंग की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लीक होने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.

आपको बता दें कि साइबर पुलिस को शुक्ला ने एक ई-मेल भेजकर कोरोना और उनकी जिम्मेदारियों की गंभीरता का हवाला देते हुए, मुंबई में आने में असमर्थता व्यक्त की थी. साथ ही उन्होंने सायबर पुलिस को एक प्रश्नावली भेजने के लिए कहा, और कहा कि वह इसका जवाब देगी.

मुंबई पुलिस शुक्ला द्वारा भेजे इस ईमेल पर सहमत नहीं हुई और एक दूसरा सम्मन जारी किया, जिसमें उसने 3 मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा. 28 अप्रैल को जारी किए गए दूसरे सम्मन के बाद, शुक्ला ने हैदराबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

बॉम्बे हाईकोर्ट भी पहुंची आईपीएस शुक्ला

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. शुक्ला ने बॉम्बे HC में एक रिट याचिका दायर की जिसमें फोन टैपिंग मामले में उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के लिए तत्काल राहत की मांग की गई है.

शुक्ला को डर है की उनपर एजेंसी द्वारा संगीन और भयावह आरोप लगाकर गिरफ्तार कर सकती है. इस याचिका पर हाईकोर्ट कल सुनवाई कर सकता है.

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