खतौली। सरकारी मशीनरी के लाख चीखऩे चिल्लाने के बावजूद लोगों की कोरोना महामारी के प्रति लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। चार दिन पहले कोरोना संक्रमण की चपेट में आये कस्बे के एक इन्टर कॉलिज के प्रधानाचार्य का सोमवार को दु:खद निधन हो गया। दूसरी और लाख सरकारी दावों के बावजूद जीवन रक्षक दवाइयों और क्लीनिक उपकरणों की कालाबाजारी रुकने का नाम नही ले रही है। जिसके चलते कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले गऱीब लोगों को अपना उपचार कराने में बड़ी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारों द्वारा कोरोना महामारी की भयावहता से अवगत कराने के लिये व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के अलावा संक्रमण को बढऩे से रोकने हेतु लॉक डाउन लगाने की कवायद की गयी है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में नागरिक बेवजह घरों से निकलकर अपनी जानों को जोखिम में डालने से बाज़ नही आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के तेज़ी से पैर पसारने के चलते मरीज़ों के लिये अस्पतालों में बैड कम पड़ रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडरों की भारी किल्लत से मरीजों के तीमारदारों को यहाँ वहाँ भटकना पड़ रहा है। तीमारदार अपनो की टूटती सांसों को बचाने के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लैक में भरवाने को विवश हैं। आम दिनों में हज़ार रुपयों में मिलने वाला ऑक्सीजन सिलेंडर पर लगने वाला फ्लो मीटर ब्लैक में बिकने के बावजूद ढूंढे नही मिल रहा है। महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों के अलावा गर्म पानी मे डालकर भाँप लेने वाला साधारण सा हरे रंग के कैप्सूल तक की कालाबाज़ारी चरम पर है। शरीर का ऑक्सीजन लेबल नापना वाला ऑक्सी मीटर कोरोना काल मे अनमोल रतन साबित हो रहा है। कोरोना काल मे दवाइयों और क्लिनिक उपकरणों की कालाबाज़ारी देखकर लगता है, समाज से इंसानियत नाम की चीज़ ही ख़त्म हो गयी है। कुल मिलाकर जिसका अपना कोरोना की चपेट में आ गया वो ही इस जानलेवा बीमारी से डरा सहमा हुआ है, वरना अधिकतर लोग अभी भी कोरोना की भयावहता से अनजान रहकर अपनी जानों के साथ खिलवाड़ करने से बाज़ नही आ रहे हैं।
बताया गया कि कोरोना संक्रमित पाये जाने पर सर सैय्यद इन्टर कॉलिज के प्रधानाचार्य मोहल्ला काजिय़ान निवासी मौहम्मद इरफान मुल्तानी 4 दिन पहले अपने पैरों से चलकर मुजफ़्फरनगर मेडिकल कॉलिज के कोरोना वार्ड में भर्ती हुए थे। रविवार देर रात को उपचार के दौरान इरफान मुल्तानी 40 वर्षीय ने दम तोड़ दिया। इरफान की मौत की ख़बर से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। कोरोना काल मे मौत का तांडव होने के बावजूद बाज़ारों में भीड़ का उमडऩा भारी हैरत में डालने वाला है। जि़म्मेदार नागरिकों ने लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराये जाने की मांग आला अधिकारियों से की है।