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इजरायल और फिलिस्तीन सीमा पर बिगड़े हालात

येरुशलम/गाजा।  इजरायल- फिलिस्तीन संघर्ष से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ईद के दिन भी इजरायल और फिलिस्तीन ने  लगातार एक दूसरे पर हमले किये हैं। जानकारी के मुताबिक इस संघर्ष में 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हो चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक इजरायली वायुसेना ने हमास के आंतरिक सुरक्षा मुख्यालय और आयुध भंडार पर हमला कर उसे नष्ट कर दिया है। इजरायली वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने रफाह शहर के आंतरिक सुरक्षा सेवा के प्रमुख तथा अन्य विभागों पर भी हमले किए ।
इजरायल ने कहा कि वह गाजा सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती करने जा रहा है। उसने संभावित जमीनी आक्रमण के लिए 9 हजार सैनिकों को तैयार रहने को कहा है।
मिस्र के मध्यस्थ संघर्ष विराम प्रयासों के लिए इजरायल पहुंचे लेकिन वार्ता में प्रगति के कोई संकेत नहीं दिखे हैं। इजरायल में सांप्रदायिक हिंसा होने के बाद लड़ाई और तेज हो गई। यहूदी और अरब समूहों में लॉड शहर में झड़पें हुईं। इस लड़ाई ने इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है। उधर, लेबनान से देर रात रॉकेट दागे गए, जिससे इजरायल की उत्तरी सीमा पर एक तीसरे पक्ष के शामिल होने का खतरा पैदा हो गया है। हमास के एक वरिष्ठ निर्वासित नेता सालेह अरुरी ने लंदन स्थित एक चैनल को शुक्रवार को बताया कि उनके समूह ने पूर्ण संघर्ष विराम के लिए और बातचीत करने के लिए तीन घंटे के विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र संघर्ष विराम प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं।
इजरायली सेना ने  कहा कि गाजा में हवाई और जमीनी हमले हो रहे हैं। गाजा सिटी के बाहरी इलाकों में विस्फोटों से लोगों में चीख पुकार मची हुई है।  प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि मैंने कहा था कि हमास से बहुत भारी कीमत वसूल करेंगे। इसे हम सच साबित कर रहे हैं।
इस बीच गाजा उग्रवादियों ने इजराइल में करीब दो हजार  रॉकेट दागे, जिससे देश के दक्षिण क्षेत्र में जनजीवन ठप हो गया।   दूसरी ओर, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हमलों में करीब 100 फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें 28 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 621 लोग घायल हो गए। हमास और इस्लामिक जिहाद उग्रवादी समूह ने 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि इजरायल का दावा है कि संख्या कहीं अधिक है। उधर, इजरायल में भी सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें छह साल का बच्चा भी है।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने लड़ाई खत्म करने को लेकर नेतन्याहू से बात की है, लेकिन साथ ही इजरायली नेता का समर्थन भी किया।
हमास के सैन्य प्रवक्ता अबू उबेदा ने कहा कि उनका समूह जमीनी आक्रमण से डरा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी आक्रमण से सैनिकों को मारने या बंधक बनाने की आशंका बढ़ेगी। यह संघर्ष ऐसे वक्त चल रहा है, जब मुस्लिमों के लिए रमजान का पवित्र महीना खत्म होने के बाद ईद मनायी जा रही है।
हिंसा का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ, जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजराइली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फिलिस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी। तब  पुलिस के साथ झड़पें हुई। अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके।

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