इसे कहते हैं मुसीबत में मुंह फेरना : पीएम मोदी ने पिछले एक महीने में 157 ट्वीट किए, 43 कोरोना से संबंधित और 114 चुनाव— राजनैतिक, शोक व अन्य
नई दिल्ली। भारत ने कोरोना की दूसरी लहर का सामना किस तरह किया है, इसकी झलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर फीड स्क्रॉल करने पर दिख जाती है। 17 अप्रैल से 17 मई 2021 के दौरान PM मोदी के ट्वीट्स की एनालिसिस की है। इसके नतीजे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। उन्होंने इस 1 महीने में कुल 157 ट्वीट किए।
17 अप्रैल से 2 मई के बीच पश्चिम बंगाल में चार चरण के चुनाव हुए। इन 15 दिनों में पीएम मोदी ने चुनाव से जुड़े 25 ट्वीट किए। इसमें चुनावी रैलियां और रिकॉर्ड वोटिंग की अपील शामिल हैं। 2 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद पीएम ट्विटर पर कम एक्टिव दिखाई दिए। शुरुआती 15 दिनों में उन्होंने कुल 95 ट्वीट किए जबकि चुनाव के बाद 15 दिनों में 62 ट्वीट किए। कोरोना से जुड़े ट्वीट्स में भी कमी आई है।
सभी ट्वीट्स को हमने चार बातों पर एनालाइज किया- कोरोना से निपटने की तैयारी से जुड़े ट्वीट्स, चुनाव से जुड़े ट्वीट्स, शोक संवेदनाओं से जुड़े ट्वीट्स और जन्मतिथि/पुण्यतिथि से जुड़े ट्वीट्स। इस एनालिसिस में जो बातें सामने आई हैं, अब वो आपके सामने हैं…
17 अप्रैल को देश में कोरोना के 2.34 लाख नए मामले सामने आए थे। उस दिन पीएम मोदी ने कुल 15 ट्वीट किए हैं। इसमें कोरोना से जुड़ा सिर्फ एक ट्वीट है जबकि चुनाव को लेकर 8 ट्वीट किए गए हैं। इन ट्वीट्स में पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के पांचवे चरण के चुनाव और कई राज्यों के उपचुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग की अपील की। इसके अलावा आसनसोल और गंगारामपुर में चुनावी रैलियों को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को भी वोटिंग की अपील करते हुए ट्वीट किए। इसके बाद 2 मई को चुनावी नतीजे आने के बाद सभी विजेताओं को बधाई दी और जनता का आभार प्रकट किया।
17 अप्रैल को वोटिंग के लिए लोगों को एक के बाद एक PM मोदी के ट्वीट। बंगाल चुनाव के मद्देनजर बंगाली में भी ट्वीट किए गए।
17 अप्रैल को वोटिंग के लिए लोगों को एक के बाद एक PM मोदी के ट्वीट। बंगाल चुनाव के मद्देनजर बंगाली में भी ट्वीट किए गए।
7 मई को कोरोना का पीक और पीएम मोदी के ट्वीट
7 मई को कोरोना की दूसरी लहर का पीक माना जाता है। उस दिन 4.14 लाख नए मामले सामने आए थे। 7 मई को पीएम मोदी ने कुल 4 ट्वीट किए, लेकिन इसमें कोरोना की तैयारी से जुड़ा कोई ट्वीट नहीं था। एक ट्वीट वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह की शोक संवेदना में था, दो ट्वीट रंगासामी और एमके स्टालिन के शपथ ग्रहण पर थे और एक ट्वीट यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बातचीत पर था।
17 अप्रैल को पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। 21 अप्रैल को उन्होंने रामनवमी की बधाई देते हुए लोगों से कोरोनाकाल में मर्यादाओं का पालन करने की भी अपील की। रामनवमी पर हरिद्वार में 80 हजार से ज्यादा शृद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। हालांकि पीएम मोदी की अपील का असर दिखा, वर्ना शाही स्नान के दिन गंगा स्नान करने वालों की संख्या लाखों में होती है।
17 अप्रैल से 17 मई के दौरान पीएम मोदी ने 39 शोक संवेदना के संदेश पोस्ट किए। इनमें से ज्यादातर लोगों का निधन कोरोना की वजह से हुआ था। जिन लोगों के निधन पर पीएम मोदी ने संवेदना जताई, उनमें रोहित सरदाना, शेष नारायण सिंह, बची सिंह रावत, शंघ घोष, आशीष येचुरी, पंडित राजन मिश्र इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
1 महीने के दौरान कोरोना से निपटने की तैयारी से जुड़े 43 ट्वीट किए। इसमें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं को लेकर हुई बैठकों के ट्वीट शामिल हैं। पीएम मोदी ने 20 अप्रैल को देश के नाम संबोधन भी दिया। हालांकि लोगों की अपेक्षाओं के उलट उस संबोधन में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। 4 मई को यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ वर्चुअल समिट की जानकारी देते हुए भी पीएम मोदी ने ट्वीट किया। केरल सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तारीफ में भी पीएम मोदी ने 5 मई को एक ट्वीट किया है।
इससे पहले हमने मोदी सरकार के 10 दिग्गज मंत्रियों के 1110 ट्वीट्स का एनालिसिस किया था। ये ट्वीट उन्होंने 1 मई से 14 मई के दौरान किए थे। इन 14 दिनों में गृहमंत्री अमित शाह ने कोरोना से जुड़ा सिर्फ एक तो राजनाथ सिंह ने 5 ट्वीट किए। किसी भी मंत्री ने कोरोना पीड़ितों की व्यक्तिगत मदद से जुड़ा कोई ट्वीट नहीं किया। शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने दो दर्जन ट्वीट में पीएम मोदी को मेंशन किया।