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ओलिंपिक नहीं खेल पाने से श्रीकांत निराश

श्रीकांत ने अब तक सिर्फ 1 ओलिंपिक खेला है। 2016 रियो ओलिंपिक में वह क्वार्टरफाइनल में लिन डैन के खिलाफ हार गए थे।

भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत टोक्यो ओलिंपिक के लिए बिना कोशिश किए बाहर हो जाने से नाराज हैं। उन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF)को क्वालिफिकेशन प्रोसेस बंद करने के अपने फैसले के बारे में विचार करने के लिए कहा है। श्रीकांत ने कहा कि पिछले 1 साल में जब से कोरोना महामारी फैली है, तब से 5-6 बैडमिंटन टूर्नामेंट कैंसिल हुए। BWF को इन सब को ध्यान में रखना चाहिए था।

दरअसल शुक्रवार को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने ऐलान किया था कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफिकेशन विंडो बंद कर दिया गया है। अब किसी के रैंक में कोई सुधार नहीं होगा। इससे श्रीकांत और साइना नेहवाल के क्वालिफाई करने की उम्मीद खत्म हो गई थी।

BWF 5-6 रद्द टूर्नामेंट की भरपाई कर सकता था
श्रीकांत ने कहा- पिछले कुछ महीनों में कोरोना की वजह से स्थिति कंट्रोल से बाहर थी। पर BWF हाईएस्ट बैडमिंटन अथॉरिटी होने की वजह से विचार कर सकता है। इससे पिछले 5-6 टूर्नामेंट जो कैंसिल हुए, उससे जिन-जिन खिलाड़ियों को मदद मिलती, उन सभी रैंकिंग में फायदा पहुंचा सकते थे।

उन्होंने कहा- अगर ऐसा होता, तो मेरे टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने के बहुत अच्छे चांसेज थे। इसलिए BWF को इस मामले पर फिर से गौर करना चाहिए। जिन्होंने क्वालिफाई कर लिया है, वे बहुत खुश हैं और जो नहीं कर पाए, वे खुद को अनलकी समझ रहे हैं।

”ओलिंपिक में मेडल जीतने के सपने को पूरा करना था”
श्रीकांत ने कहा- पिछले साल कोई नहीं जानता था क्यो होगा। 2020 में मार्च में लॉकडाउन लगा। फिर दिसंबर में सबकुछ नॉर्मल होने लगा। मैंने इस साल जनवरी में थाईलैंड जाकर 2 टूर्नामेंट खेले। इसके बाद मार्च में फिर सबकुछ कोरोना की वजह से बिगड़ने लगा और टूर्नामेंट्स कैंसिल हो गए।

श्रीकांत ने कहा- मैंने 2016 रियो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया और क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा। इसलिए इस बार मेडल लाना चाहता था। अब मैं बहुत निराश हूं। अगर BWF चाहे तो अभी भी नए नियम बना सकता है और चांसेज हैं। पर ये मेरा अंत नहीं है। मैं आगे और मेहनत करूंगा और अच्छा करने की कोशिश करूंगा।

कोरोना की वजह से बैडमिंटन को नुकसान
BWF का ऑफिशियल क्वालिफिकेशन पीरियड 15 जून को खत्म हो रहा है। कोरोना की वजह से बैडमिंटन को पिछले 1 साल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इस साल जनवरी में थाईलैंड ओपन और फरवरी में BWF फाइनल्स के बाद उम्मीद थी कि बाकी टूर्नामेंट भी होंगे। पर कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा नहीं होने दिया। सिंगापुर ओपन कैंसिल हो गया। वहीं, मलेशिया ओपन और इंडिया ओपन समेत कई बड़े टूर्नामेंट पोस्टपोन हो गए।

सिंगापुर ओपन आखिरी मौका था
सिंगापुर ओपन खिलाड़ियों के लिए ओलिंपिक में क्वालिफाई करने का आखिरी मौका था। इसका आयोजन 1 से 6 जून तक होना था, लेकिन कोरोना की वजह से कई देशों के बीच हवाई यात्रा पर बैन लगा हुआ है। इस वजह से BWF ने टूर्नामेंट को कैंसिल करने का फैसला किया।

श्रीकांत को लिन डैन ने क्वार्टरफाइनल में हराया
श्रीकांत ने अब तक सिर्फ 1 ओलिंपिक खेला है। 2016 रियो ओलिंपिक में श्रीकांत वर्ल्ड नंबर-11 थे। वे उस वक्त के वर्ल्ड नंबर-5 जॉर्जेंसन को हराकर क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे। हालांकि, क्वार्टरफाइनल में उन्हें दुनिया के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार लिन डैन के हाथों 6–21, 21–11, और 18–21 से हार का सामना करना पड़ा था।

सिंधु सहित 4 खिलाड़ियों को ओलिंपिक कोटा मिलने की उम्मीद
श्रीकांत के अलावा 3 ओलिंपिक खेल चुकीं साइना भी बाहर हो गई हैं। वहीं, अश्विनी पोनप्पा भी डबल्स में क्वालिफाई नहीं कर पाईं। रैंकिंग में बदलाव नहीं होता है तो सिर्फ सिंधु, साई प्रणीत को सिंगल्स में और रैंकीरेड्डी-चिराग की जोड़ी को डबल्स में ओलिंपिक कोटा मिलेगा। यह चारों खिलाड़ी पिछले कुछ टूर्नामेंट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे।

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