भोपाल । मानसून केरल से आगे बढ़ने लगा है। साथ ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मानसूनी हलचल तेज होने लगी है। इस वजह से मध्यप्रदेश के वातावरण में भी नमी बढ़ने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी उत्तरप्रदेश और उससे लगे मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। अरब सागर में भी ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से आ रही नमी आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में तेज बौछारें पड़ने के आसार बने हुए हैं। इसी क्रम में राजधानी में शुक्रवार शाम को अलग-अलग स्थानों पर तेज बौछारें पड़ीं। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्रीसेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से तीन डिग्रीसे.कम रहा। साथ ही गुरुवार के अधिकतम तापमान (36.9 डिग्रीसे.) की तुलना में 0.6 डिग्रीसे.अधिक रहा।

वातावरण में नमी बढ़ने, बादल छाने से गिरा तापमान

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि वातावरण में लगातार नमी आने के कारण मानसून पूर्व की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। आद्रता बढ़ने के कारण बादल छा रहे हैं। धूप नहीं निकलने की वजह से अधिकतम तापमान में गिरावट होने लगी है। हालांकि बीच-बीच में कुछ धूप निकलने से वातावरण में उमस भी बरकरार है।

वर्तमान में तीन वेदर सिस्टम हैं सक्रिय

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू पर ऊपरी हवा के चक्रवात के रूप में बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी उत्तरप्रदेश और उससे लगे मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) कर्नाटक से तमिलनाडू तक बनी हुई है। इस वजह से मप्र में लगातार नमी आ रही है। इस वजह से शनिवार-रविवार को राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज बौछारें पड़ने की संभावना है।