मुरार सात नंबर चौराहा निवासी शिवकुमार व्यवसायी हैं। उनकी बाजार में किराना एवं जनरल स्टोर है। दो दिन पहले वह अपने भाई को 2 हजार रुपए ई-वॉलेट के माध्यम से भेज रहे थे। पर एक नंबर गलत होने से रुपए उनके भाई के पास न जाकर किसी अन्य खाते में चले गए। इस पर उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। रुपए वापस पाने के लिए उन्होंने तत्काल कस्टमर केयर को कॉल करने इंटरनेट पर नंबर सर्च किया। इंटरनेट से उन्होंने ई-वॉलेट कंपनी का नाम सर्च कर कस्टमर केयर का नंबर निकाला। इस नंबर पर कॉल किया तो वहां एक युवती ने कॉल रिसीव किया। युवती को शिवकुमार ने पूरी परेशानी बताई। इस पर युवती ने 5 मिनट में उनका पूरा पैसा वापस करने की बात कहते हुए अपने कर्मचारी का फोन आने की बात कही।
कॉल आया भेजी लिंक और कर गए ठगी
पांच मिनट बाद शिवकुमार के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके रुपए 5 मिनट में वापस आ जाएंगे। इस पर शिवकुमार खुश हो गए। कॉल करने वाले युवक ने एक लिंक उनके मोबाइल पर भेजी। साथ ही कहा कि इस पर क्लिक करना है। लिंक पर क्लिक करते ही उनके मोबाइल में एक एनीडेस्क एप डाउनलोड हो गया और मोबाइल अपने आप ऑपरेट होने लगा। इस पर उन्हें संदेह हुआ। उन्होंने मोबाइल बंद कर दिया। जब मोबाइल कुछ देर बाद ऑन किया तो खाते से 39990 रुपए निकल चुके थे। ठगी का अहसास होने पर मामले की शिकायत की है।
यह रखें सावधानी
- इंटरनेट से सीधे कभी भी कस्टमर केयर का नंबर न निकालें
- कस्टमर केयर का नंबर कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सर्च करें
- कोई भी लिंक भेजे तो उस पर बिल्कुल भी क्लिक न करें
- मोबाइल पर आए OTP को शेयर न करें, यह सिर्फ आपके लिए होता है
- पर्सनल डिटेल किसी से शेयर न करें
- सोशल मीडिया पर खुद से जुड़ी डिटेल, फोटो शेयर करने से बचें