ऐसे हुई गड़बड़ी

बिजली कंपनी ने हाल में मीटर रीडर बदले हैं। नया रीडर रीडिंग लेने चार जून को पहुंचा था। बिजली कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक मंजर भोपाली के घर पर मीटर 15 फीट ऊपर लगा है। मीटर रीडर ने ठीक से रीडिंग देखने की बजाय नीचे से रीडिंग देखी थी। इस तरह उसने अभी तक की कुल खपत यूनिट 44 हजार को 4 लाख पढ लिया था, लेकिन उसे लगा कि इतनी खपत नहीं हो सकती तो उसने बिल की हार्ड कॉपी नहीं दी थी। यह भी बताया था कि बिल की जांच करने के बाद हार्ड कॉपी दी जाएगी। हालांकि मीटर रीडिंग को ऑनलाइन व्यवस्था के तहत जोड़ा गया है, इसलिए रीडिंग लेते ही यह बिल तुरंत ऑनलाइन हो गया। जिसका मैसेज ऑनलाइन बिल भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के पास पहुंच जाता है।

मंजर भोपाली ने इंटरनेट मीडिया पर डाली है यह पोस्ट

एमपी गजब है, सब से अजब है। इस नारे की सच्‍चाई 36,86,660 रुपए का यह मेरे घर का एक महीने (मई) का बिल दर्शाता है। इस तरह का मजाक कोरोना काल में एक शायर के लिए ठीक नहीं है। लॉकडाउन और कोविड की वजह से शायर के कलम की स्याही तक सूख चुकी है। ऐसे में यह 36 लाख रुपए कहां से भरे जाएं? ये बिल रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचारी का खुला दावतनामा है।