फ्रेंच ओपन में उलटफेर:अनास्तासिया 50 से ज्यादा ग्रैंड स्लैम खेलने के बाद फाइनल में पहुंचने वाली पहली खिलाड़ी; बारबोरा क्रेजसिकोवा भी फाइनल में एंट्री की
फ्रेंच ओपन में उलटफेर का सिलसिला जारी रहा। महिलाओं के सिंगल्स के खेले गए सेमीफाइनल में चेक गणराज्य की गैर वरीयता प्राप्त बारबोरा क्रेजसिकोवा ने सेमीफाइनल में ग्रीस की 17वीं वरीयता प्राप्त मारिया सक्कारी को हराकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं रूस की अनास्तासिया पावलुचेनकोवा ने स्लोवेनिया की वर्ल्ड नंबर-85 तमारा जिदानसेक को 7-5, 6-3 से मात दी। 29 साल की पावलुचेनकोवा पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में प्रवेश किया है। वह उनका 52वां ग्रैंड स्लैम है।
वे अपने पहले ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंचने से पूर्व 50 से ज्यादा मेजर्स खेलने वाली पहली खिलाड़ी भी बन गई हैं। उनसे पहले 2015 में रॉबर्टा विंची 44 ग्रैंड स्लैम खेलकर यूएस ओपन के फाइनल में पहुंची थीं और उपविजेता बनी थीं। अनास्तासिया अपने ग्रैंड स्लैम डेब्यू के 14 साल बाद किसी ग्रैंड स्लैम के खिताब लिए भिड़ेंगी। वहीं इस बार सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली चारों महिला खिलाड़ी इससे पहले कभी किसी ग्रैंडस्लैम के अंतिम-4 में नहीं पहुंची हैं।
बारबोरा शुरू से ही हावी रहीं
चेक रिपब्लिक की बारबोरा क्रेजसिकोवा ने मारिया सक्कारी को 7-5, 4-6, 9-7 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। बारबोरा शुरू से ही सक्कारी पर हावी रही। हालांकि पहला सेट जीतने में उन्हें संघर्ष करना पड़ा। एक बार स्कोर 5-5 की बराबरी पर था, लेकिन बारबोरा ने इस सेट को 7-5 से अपने नाम कर लिया। वहीं दूसरे सेट में मारिया ने वापसी की और 6-4 से सेट को जीतकर मुकाबले को बराबरी पर ला लिया, लेकिन तीसरे और निर्णायक सेट में बारबोरी ने वापसी की और मारिया को कोई मौका नहीं दिया और इस सेट को 9-7 से अपने कब्जे में कर फाइनल में एंट्री की। फाइनल में बारबोरा रूसी खिलाड़ी अनास्तासिया से भिड़ेंगी।
अनास्तासिया और जिदानसेक के बीच कड़ा मुकाबला
कोर्ट फिलिप चैटरियर पर खेले गए सेमीफाइनल में दोनों खिलाड़ियों को सर्विस को लेकर संघर्ष करना पड़ा, लेकिन अनास्तासिया ने अहम अंकों पर धैर्य बरकरार रखते हुए जीत दर्ज की। वहीं इससे पहले किसी ग्रैंड स्लैम के दूसरे दौर से भी आगे नहीं बढ़ने वाली जिदानसेक ने कुछ शानदार ड्रॉप शॉट और फोरहैंड विनर लगाए, लेकिन साथ ही उन्होंने 33 सहज गलतियां भी कीं।
अनास्तासिया बोलीं- उनके लिए यह जीत जरूरी थी
अनास्तासिया करीब एक दशक पहले पेरिस में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं। जीत के बाद रूसी खिलाड़ी ने कहा, ‘मुझे इसकी इतनी अधिक जरूरत थी कि मैं अभी कुछ महसूस ही नहीं कर रही हूं।टेनिस इतना ज्यादा मानसिक खेल है।’