Tue. Apr 29th, 2025

कुमाऊं के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार

कुमाऊ मंडल में सोमवार को मौसम का मिजाज मिलाजुला रहने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। पर्वतीय क्षेत्रों में धूपछांव देखने को मिलेगा। जबकि ज्यादातार हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। मैदानी भागों में भी बादल आते जाते रहेंगे। साथ हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। सोमवार सुबह पिथौरागढ़ में बादल छाए रहे, जबकि यूएस नगर व नैनीताल में धूप खिली हुई है। बागेश्वर में हल्के बादल छाए हुए हैं। प्री- मानसून इन दिनों सक्रिय होने के कारण वातावरण में नमी बढ़ गई है। जिस कारण उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। प्री मानसून के साथ क्षेत्रीय मौसम का असर भी देखने को मिल सकता है। जिस कारण कुछ हिस्सों में तेज बारिश भी हो सकती है।

  • इन स्थानों पर बारिश के आसार 

     

  • नैनीताल : न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस, अधिकांश तापमान 23 डिग्री सेल्सियस। बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश की संभावना।
  • हल्द्वानी : न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान 31डिग्री सेल्सियस। हल्के मध्यम बादल के साथ हल्की बारिश की संभावना।
  • अल्मोड़ा : न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस, अधिकांश तापमान 29 डिग्री सेल्सियस। बादल छाए रहेंगे व हल्की मध्यम बारिश की संभावना ।
  • पिथौरागढ़ : न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस। बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश की संभावना।

हवा के साथ बारिश की संभावना

आर्यभट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के अनुसार क्योंकि इन दिनों प्री- मानसून सक्रिय होने के कारण तापमान में तेजी से बदलाव आ रहा है। थण्डर स्टॉर्म भी आ सकते हैं। कुछ स्थानों पर तेज हवा के चल सकती है। साथ ही बौछार के साथ तेज बररिश होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। दोपहर के समय मौसम में तेजी से बदलाव आएगा। नैनीताल सरीखे ऊंचाई वाले स्थानों में कोहरा भी सक्रिय रहेगा। जिस कारण तापमान में तेजी से गिरावट आएगी, जबकि दो हजार मीटर से ऊंचाई वाले स्थानों में तापमान औसतन दिन के समय 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।

नैनीताल में नही थम रहा झील में मलवा जाने का सिलसिला

नैनीताल में बारिश के दौरान नालों के जरिए मलबा झील में समाने का क्रम पिछले कई सालों से जारी है। नगर के ऊपरी क्षेत्रों में भवन निर्माण का मलबा नालो में डाल दिया जाता है, जो तेज बारिश के दौरान बहकर झील में समा जाता है। जिस कारण झील की सतह में गाद जमा होने हो रहा है और झील की गहराई भी कम होती जा रही है। सिंचाई विभाग रोजाना सैंकड़ों कट्टे मलबा झील के मुहानों से निकाल रहा है।

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