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राजस्थान में मानसून एक्सप्रेस का आगमन:दक्षिण राजस्थान में अच्छी बारिश से बरसाती नदियों में बहने लगा पानी; 3 जुलाई तक सभी जिलों में मानूसन के आने की संभावना

राज्य में मानसून की दस्तक के साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया। उदयपुर, कोटा, जोधपुर और अजमेर संभाग के कई जिलों में बीती रात बारिश हुई। दक्षिण राजस्थान के रास्ते आए मानसून के बादलों ने झालावाड़ को तरबतर कर दिया। पाली, बांसवाड़ा, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिले के कुछ हिस्सों में मानसून की पहली बारिश में 3 इंच से ज्यादा पानी बरसा। पाली में तेज बारिश के बाद सूखी पड़ी बरसाती नदियां बहनी शुरू हो गई। मौसम विभाग ने आज भी इन क्षेत्रों में मध्यम दर्जे की बारिश होने और आसमान में दिनभर बादल छाए रहने की संभावना जताई है।

मौसम विभाग से जारी डेटा के मुताबिक बीती रात बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, सिरोही, झालावाड़ा, राजसमंद, पाली सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में अच्छी बारिश हुई। बांसवाड़ा के दानपुर, प्रतापगढ़ पीपलाखुण्ड, धरियावाद, राजसमंद के देवगढ़, चित्तौड़गढ़ के बीदासर, राश्मी, भीलवाड़ा के सहाड़ा में 50 मिमी से 84 मिमी के बीच बारिश हुई। पाली के बाली में 85 मिमी बारिश होने के बाद यहां बिजोवा के निकट नदी में बहने लगा। वहीं रानी की सुकड़ी नदी सुबह से तेज पानी बहना शुरू हो गया, जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र बन गया। इस नदी में पानी की आवक बढ़ने से रपट के ऊपर होकर पानी गुजरने लगा।

 

   पाली के रानी क्षेत्र में बरसाती नदी में बहता पानी।
पाली के रानी क्षेत्र में बरसाती नदी में बहता पानी।

 

लोगों को गर्मी से राहत

इधर सिरोही के पिण्डवाड़ा, रेवदर, उदयपुर शहर, राजसमंद के भीम के अलावा दक्षिण राजस्थान के कई जगहों पर 20 से 40 मिमी के बीच बारिश हुई। बारिश के साथ ही अब तापमान में गिरावट हुई और लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग ने 21 जून तक प्रदेश के अधिकांश जगहों पर बादल छाए रहने और कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है।

 

   सैटेलाइट मानचित्र में देखे प्रदेश में बादलों की स्थिति।
सैटेलाइट मानचित्र में देखे प्रदेश में बादलों की स्थिति।

 

अगले दो सप्ताह में पूरे प्रदेश में आ सकता है मानसून

मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में जिस तरह की परिस्थितियां बनी हुई, उसके मुताबिक अगले दो सप्ताह तक पूरे प्रदेश में मानसून पहुंच सकता है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो जमीन से 3-4 किलोमीटर चलने वाली नम हवाओं की अच्छी गति होने के कारण इस बार मानसून थोड़ा जल्दी आया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगर ऐसे ही हवाओं की गति बनी रही तो मानसून जल्द ही राज्य के सभी जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा देगा। राजधानी जयपुर की बात करें तो अगले सप्ताह के अंत यानी 25-26 जून तक पहुंच सकता है।

इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार प्री-मानसून में राज्य में सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग ने राज्य को दो हिस्सो पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान में बांट रखा है। पूर्वी राजस्थान में इस बार प्री-मानसून में सामान्य से 6 फीसदी कम, जबकि पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 108 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी राजस्थान में प्री-मानसून में अमूमन 24.5 मिमी औसत बारिश होती है, जबकि इस बार 23 मिमी बारिश ही हुई, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 16.4 मिमी की तुलना में 34.1 मिमी बारिश हुई।

पाली का श्री मुछाला महावीर जैन मंदिर इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है।
पाली का श्री मुछाला महावीर जैन मंदिर इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है।

पिछले 11 साल में केवल एक बार सामान्य से कम रहा मानसून

राज्य में मानसून की स्थिति को देखते हुए पिछले 11 साल में केवल एक बार ऐसा रहा जब सामान्य से कम बारिश हुई हो। साल 2018 में प्रदेश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई थी, जबकि साल 2019 और 2011 में सामान्य से 41 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई थी। पिछले साल 2020 में प्रदेश में 8 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी। बता दें कि राज्य में हर मानसून औसतन 415 मिमी बारिश होती है।

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