उत्तर पश्चिम रेलवे के 1.25 लाख कर्मचारयों को मिलेगा लाभ:देश के 17 जोनल रेलवेज को बोर्ड ने दिए आदेश; रेलवे अस्पताल से बिना रैफर हुए भी मिलेगा निजी अस्पताल में ईलाज, 24 घंटे में देनी होगी सूचना

अगर आप रेलकर्मी हैं और स्वास्थ खराब होने पर निजी अस्पताल में ईलाज कराना चाहते हैं। तो रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत अब वे बिना रेलवे अस्पताल से रैफर हुए सीधे निजी अस्पताल में ईलाज करा सकते है। संयुक्त सचिव सुभाष पारीक ने बताया कि एआईआरएफ के महामंत्री एसजी मिश्रा और और एजीएस मुकेश माथुर ने रेलवे बोर्ड से कहा था कि वे आपात स्थिति में रेलकर्मियों को सीधे निजी अस्पताल में ईलाज कराने की अनुमति दे। ताकि उसे तुरंत बेहतर ईलाज मिल सके और उसकी जान बच सके। इसके बाद हाल ही में रेलवे के निदेशक (वित्त) जी प्रिया सुदर्सनी ने उत्तर पश्चिम रेलवे सहित देश के सभी 17 जोनल रेलवेज को एक आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि सेवारत और सेवानिवृत रेलकर्मी और उनके आश्रित गंभीर रूप से बीमार होने पर आपातकालीन स्थिति में रेलवे के एंपैनल प्राइवेट हॉस्पिटल में सीधे भर्ती होकर ईलाज करा सकेंगे। एंपैनल अस्पतालों में रेलकर्मी या उसके आश्रित के भर्ती होने पर संबंधित निजी अस्पताल द्वारा मरीज की बीमारी और स्थिति के बारे में रेलवे को सूचित करना होगा। जिसके बाद 24 घंटे में रेलवे उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर यह तय करेगा कि मरीज गंभीर अवस्था में भर्ती हुआ है या नहीं।
गंभीर अवस्था में डॉक्टर ही करेगा नॉमिनेटेड
यदि रेलवे मरीज की गंभीर अवस्था नहीं मानता है, तो आगे के ईलाज के लिए मरीज को ही भुगतान करना होगा। जो निजी अस्पताल की दर या सीजीएचएस की दर (दोनों में जो भी कम हो) के आधार पर तय होगा। मरीज की गंभीर अवस्था का निर्धारण जांच रिपोर्ट या निरीक्षण के आधार पर नॉमिनेटेड रेलवे डॉक्टर द्वारा तय किया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा मरीज का ओपीडी ट्रीटमैंट सीजीएचएस दर या हॉस्पिटल की दर (दोनों में से जो भी कम हो) के आधार पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। रेलवे प्रशासन एंपैनल हॉस्पिटल के किए जा चुके या किए जाने वाले कॉन्ट्रैक्ट में इस शर्त को शामिल करना होगा। इससे पहले निजी अस्पताल में ईलाज कराने के लिए रैफरल लेटर की आवश्यकता होती थी। इससे उत्तर पश्चिम रेलवे के करीब सवा लाख सेवारत और सेवानिवृत रेलकर्मियों को फायदा मिलेगा।